पैरों में रहती है सूजन तो तुरंत करा लें ये चेकअप, वरना बढ़ जाएगा किडनी फेल का खतरा
पैरों और टखनों में लगातार सूजन का रहना किडनी से जुड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है.
पैरों और टखनों में लगातार सूजन का रहना किडनी से जुड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है. अगर पांव को उंगलियों से दबाने पर उस हिस्से पर गड्ढा या डिंपल बन जाता है तो आपको अब सावधान हो जाना चाहिए और इस लक्षण को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये किडनी में पैदा हो रहीं परेशानियों का सिग्नल भी हो सकता है. एक रिपोर्ट बताती है कि लगभग 30 प्रतिशत किडनी के मरीज डॉक्टर के पास तब जाते हैं, जब काफी देर हो चुकी होती है. फिर इलाज के लिए सिर्फ दो ही ऑप्शन बचते हैं, पहला डायलिसिस और दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट.
किडनी से जुड़ी दिक्कतों को पहचानने के लिए शरीर पर उभरने वाले कुछ लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है. एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, आप दो ईज़ी टेस्ट करवा के इस बात का पता लगा सकते हैं कि आपकी किडनी हेल्दी है या नहीं. आइए जानते हैं...
आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को किडनी से जुड़ी दिक्कतें होती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर ब्लड वैसल्स को संकुचित कर सकता है, जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. डायबिटीज के मरीजों में ब्लड के लिए एक्सट्रा शुगर को फिल्टर करने के लिए किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है. किडनी के खराब होने का सबसे पहला लक्षण वॉटर रिटेंशन है, जो सूजन पैदा करने का कारण बनता है. अगर आप अपने पैरों या टखनों में सूजन महसूस कर रहे हैं तो तुरंत जाच कराना ही बेहतर रहेगा.
कैसे चलेगा किडनी की बीमारी का पता?
कंप्रिहेंसिव वैश्कुलर केयर वैस्कुलर टेस्टिंग के जरिए ये पता लगाता है कि शरीर का कौन सा सर्कुलेटरी सिस्टम प्रभावित है. ब्लड टेस्ट के जरिए ये निर्धारित किया जाता है कि सूजन किडनी की बीमारी की वजह है या नहीं. पैरों में सूजन का होना किडनी की बीमारी के सबसे आम लक्षणों में से एक माना जाता है. गुरुत्वाकर्षण यानी ग्रेविटी एक्सट्रा फ्लूड को पैरों की ओर खींच लेती है, जिससे सूजन पैदा हो जाती है. इस स्थिति से बचने के लिए आप अपने पैरों को कुछ समय तक ऊपर करके रख सकते हैं. हालांकि बार-बार ये समस्या होने पर आपको डॉक्टर का रुख करना चाहिए. किडनी की बीमारी का पता लगाने के लिए आप दो टेस्ट करवा सकते हैं.
इन दो टेस्ट से किडनी की स्थिति का लगाएं पता
1. ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट क्रिएटिनिन कंसंट्रेशन की जांच करता है, जैसे- किडनी के फंक्शन का घटना, क्रिएटिनिन का बढ़ना.
2. यूरिन टेस्ट: यूरिन टेस्ट यूरिन में एल्ब्यूमिन की जांच करता है. इसका होना किडनी के खराब होने का संकेत देता है.
पैरों या टखनों में किसी भी तरह की सूजन को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि छोटी दिखने वाली दिक्कतें ही कई बार बड़ा रूप ले लेती हैं. किडनी से जुड़ी दिक्कतों का पता लगाने के लिए आप यूरिन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड जैसे कुछ टेस्ट करवा सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )