Cataract Symptoms: मोतियाबिंद आंख के सामान्य रूप से लेंस से संबंधित समस्या है. जब लेंस क्लाउडी हो जाता है, तो लाइट लेंसों से स्पष्ट रूप से पास नहीं हो पाती है, जिससे आपको चीजें साफ नहीं दिखाई देती है. दरअसल, इसमें आंखों के सामने धुंधलापन आ जाता है. दृष्टि के बाधित होने को ही मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहते हैं. नजर धुंधली होने के कारण मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को पढ़ने, नजर का काम करने, कार चलाने (विशेषकर रात के समय) में समस्या आती है. अधिकांश मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआती चरण में आपको इसका आभास नहीं होता है. जब मोतियाबिंद हद से बढ़ जाए, तो सर्जरी ही एकमात्र उपाय होता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं मोतियाबिंद के लक्षण और निवारण के बारे में-
मोतियाबिंद का लक्षण
- धुंधली दृष्टि
- रात में देखने में बढ़ती कठिनाई
- प्रकाश और चकाचौंध के प्रति संवेदनशीलता
- पढ़ने और अन्य गतिविधियों के लिए तेज रोशनी की आवश्यकता
- चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस में बार-बार बदलाव
- रंगों का फीका पड़ना या पीला पड़ना
- एक आँख में दोहरी दृष्टि
मोतियाबिंद का कारण
अधिकांश मोतियाबिंद तब विकसित होते हैं, जब उम्र बढ़ने या चोट की वजह से आंख के लेंस को बनाने वाले ऊतक में बदलाव होता है. लेंस में प्रोटीन और फाइबर टूटने लगते हैं, जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है. कुछ वंशानुगत कारण भी आपके मोतियाबिंद के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. मोतियाबिंद अन्य आंखों की स्थिति, आंख की सर्जरी या डायबिटीज के इलाज की वजह से भी हो सकता है. स्टेरॉयड दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल से भी मोतियाबिंद हो सकता है.
मोतियाबिंद का निवारण
कहीं भी, किसी भी अध्ययन ने यह साबित नहीं किया है कि मोतियाबिंद को कैसे रोका जाए या मोतियाबिंद की प्रगति को कैसे धीमा किया जाए. लेकिन डॉक्टरों को लगता है कि कुछ उपायों की मदद से मोतियाबिंद से राहत पाई जा सकती है. इसके लिए सबसे पहले आंखों की नियमित जांच कराएं. आंखों की जांच से मोतियाबिंद और आंखों की अन्य समस्याओं का जल्द से जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है. इसके लिए अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको कितनी बार आंखों की जांच करवानी चाहिए. इसके अलावा धूम्रपान छोड़ें और अपनी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी ध्यान रखें.
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