ये 10 संकेत बताते हैं आपके दिमाग की नसों में है ब्लॉकेज...हो सकती है ब्रेन स्ट्रोक की समस्या
जब दिमाग में पोषक तत्व और ऑक्सीजन ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाते हैं तो नस में ब्लॉकेज होना शुरू हो जाता है. हालांकि दिमाग की नस में ब्लॉकेज की शुरुआत होती है तो इसके संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं.
Blockage In Brain: हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा होता है. इसमें जरा सी भी गड़बड़ी गंभीर जोखिम खड़ा कर सकती है. बता दें कि दिमाग में 10 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स होते हैं जो सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं, आसान शब्दों में कहें तो यह हमारे शरीर का कमांड सेंटर है. जो कि शरीर को चलने में मदद करते हैं. इसके अलावा सर्दी गर्मी जैसे कई इमोशन को महसूस करने में मदद करता है.मगर इसमें जरा से भी गड़बड़ी हो जाए तो दिमाग में रक्त स्राव और ब्रेन स्ट्रोक जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.जब दिमाग में पोषक तत्व और ऑक्सीजन ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाते हैं तो नस में ब्लॉकेज होना शुरू हो जाता है. हालांकि जब कभी भी दिमाग की नस में ब्लॉकेज की शुरुआत होती है तो इसके संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं.
नसों में ब्लॉकेज के कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक नसों में ब्लॉकेज की समस्या को मेडिकल भाषा में सेरेब्रल वेनस थ्रांबोसिस कहा जाता है. ये स्थिति तब पैदा होती है जब किसी व्यक्ति के दिमाग के नस में रक्त का थक्का बन जाता है. इसके कारण मस्तिष्क में ब्लीडिंग हो सकती है. रक्त का थक्का नस को ब्लॉक कर देता है, जिसकी वजह से नसों में दबाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, इससे नसें डैमेज हो जाती है या सूजन की समस्या हो जाती है.
दिमाग की नस में ब्लॉकेज होने के लक्षण
- गंभीर सिरदर्द
- धुंधला दिखाई देना
- उल्टी होना
- बोलने या बात चीत में परेशानी
- अपनी बातें दूसरों तक पहुंचाने में परेशानी
- फोकस की कमी होना
- शरीर के एक तरफ सुन्न महसूस होना
- व्यक्ति का बार बार बेहोश होना
- स्ट्रोक जैसी स्थिति होना
- याददाश्त से जुड़ी समस्या
- झटके या दौरे आना
नस ब्लॉक होने के रिस्क फैक्टर
- अनुवांशिक
- लंबे समय तक डिहाइड्रेशन
- शरीर में प्रोटीन की कमी
- सिर में किसी तरह की चोट
- शरीर का अधिक ज्यादा वजन बढ़ जाना
- किसी तरह की सर्जरी
नसों को मजबूत बनाने के लिए क्या करें
- नसों को स्वस्थ रखने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें.
- हरी पत्तेदार सब्जियां, अंगूर, एवोकाडो पालक बीन्स जैसे पोटेशियम युक्त फूड का सेवन करें
- कद्दू के बीज जैसे मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ खाएं.
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड का सेवन करें
- नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी
- धूम्रपान और शरार का सेवन करने से बचे
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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