Womens Health: बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह बदलाव जल्दी आते हैं. खराब खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से इसकी समय सीमा भी कम हो गई है. 30 की उम्र के साथ ही महिलाओं में कई ऐसे बदलाव आते हैं,जिसे समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो कई बीमारियां पैदा हो सकती है. इस आर्टिकल में आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका खतरा महिलाओं को 30 की उम्र के बाद हो जाता है आइए जानते हैं इनके बारे में
ओस्टियोपोरोसिस -खराब लाइफस्टाइल की वजह से 30 की उम्र में शरीर में कई सारी समस्याएं पनपने लगती है, इन्हीं में से एक है हड्डियों का कमजोर होना. अगर आप सही डाइट नहीं ले पा रहे हैं तो आप की हड्डियां कमजोर पड़ सकती है, ऐसी स्थितियों में आपको ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है. दरअसल अनहेल्थी लाइफस्टाइल की वजह से हड्डियां अंदर से खोखली होना शुरू हो जाती है. फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण हमारी हड्डियां कमजोर हो सकती है अपना हेल्दी मास धीमे-धीमे खो सकती है, इसके अलावा डाइट में कैल्शियम की कमी या फिर शरीर में कैल्शियम को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का ज्यादा सेवन करना भी आपके हड्डियों का स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है. इन्हीं वजह से ओस्टियोपोरोसिस की समस्या हो जाती है.
फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं-लाइफ स्टाइल सही नहीं है तो 30 की उम्र के बाद फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं होने लग जाती है, कुछ महिलाओं की प्रजनन क्षमता 30 के बाद धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती है, जिससे प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याएं होने लगती है.ऐसे में इससे निपटने के लिए उचित डाइट लेना चाहिए ताकि इस समस्या को हद तक कम किया जा सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर -ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 साल से अधिक की औरतों में ज्यादा होता है लेकिन हाल ही में एक हुई स्टडी के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर 30 के दशक में महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है, जिस के लक्षण 20 की उम्र से ही दिखने शुरू हो जाते हैं, ऐसे में जरूरी है वक्त रहते इससे बचाव कर लें. अगर आपको इस सत्न या बगल में गांठ, स्तन के हिस्से का मोटा होना, सूजन होना, स्तन की त्वचा में जलन या गड्ढे पड़ना, रक्त सहित अन्य निप्पल डिस्चार्ज जैसी समस्या हो रही है तो आपको ध्यान देने की जरूरत है.
वेरीकोज वेन्स-वेरीकोज वेन्स नसों से जुड़ी और अत्यंत दर्दनाक बीमारी है. इसमें रोग में नसों में तेजी से सूजन आ जाती है, जिससे तेज दर्द होने लगता है.30 के बाद ये बीमारी होने का खतरा तेजी से बढ़ जाता है और ऐसा लाइफस्टाइल से जुड़ी खराब आदतों और सही न लेने के कारण होता है.यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब नसे बड़ी, चौड़ी या रक्त से ज्यादा भर जाती है. वेरीकोस वेंस अक्सर सूजी और उभरी हुई नजर आती है. यह नीले या लाल रंग की दिखती है,जिनमें अक्सर दर्द महसूस होता है. यह समस्या महिलाओं में बहुत आम है. लगभग 25-30 फीसदी वेरीकोस वेंस की समस्या से ग्रस्त है. स्विमिंग, पैदल चलना, साइकिलिंग और योग से इस पर काबू किया जा सकता है.
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