जिस तरीके की लाइफस्टाइल हम जी रहे हैं उसमें धड़कनों का अप-डाउन, तेज, स्लो होना, हाई बीपी आम बात है. लेकिन आप बस इसे आम बात समझकर हमेशा इग्नोर करें यह सही नहीं. कभी-कभी धड़कने तेज हो जाती हैं और हम इसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. हम ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि धड़कन तेज होने को हम आम बात समझ लेते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धड़कन का तेज होना एक गंभीर बीमारी है जिसे टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है. इस बीमारी में दिल की धड़कने तेज हो जाती है. यानि 1 मिनट में 100 से ज्यादा बार धड़कती है.
1 मिनट में 100 बार से ज्यादा दिल धड़कना
टैकीकार्डिया जैसी गंभीर बीमारी में 1 मिनट में 100 बार से ज्यादा बार दिल धड़कता है. हार्ट बीट तेज अक्सर तेजी से चलने या एक्सरसाइज के दौरान होता है. लेकिन टैकीकार्डिया की बीमारी शुरुआत में तो यह एकदम जेनरल सी बीमारी लगती है. जिसके कोई असाधारण लक्षण शरीर पर दिखाई नहीं देते लेकिन अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बन सकता है.
टैकीकार्डिया के कारण
टैकीकार्डिया का सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस और टेंशन होता है. इसके अलावा अगर आप बहुत ज्यादा कैफीन या अल्कोहल का इस्तेमाल करते हैं तो यह गंभीर दिल की बीमारी का कारण बन सकता है. हद से ज्यादा धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करना भी इस बीमारी होने का कारण बन सकता है. कोरोनरी आर्टरी में अगर सही से ब्लड नहीं पहुंचता है तो यह भी दिल की बीमारी का कारण बन सकता है. इसके अलावा हाई बीपी, प्रेग्नेंसी और हद से ज्यादा दवाई खाने से भी टैकीकार्डिया की बीमारी हो सकती है.
टैकीकार्डिया के लक्षण
कुछ लोगों में इस गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई भी नहीं देते हैं लेकिन फिर भी वह बीमारी से पीड़ित रहते हैं.
सांस लेने में दिक्कत
छाती में दर्द
अचानक से घबराहट और पसीना आना
चक्कर आना
अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो आपको इसे बिल्कुल नजरअंदाज करने की जरूरत नहीं है. बल्कि आपको तुरंत ईसीजी टेस्ट करवाना चाहिए. क्योंकि इसी से पता चल जाएगा कि आपको असल में कौन सी बीमारी हुई है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: खाना खाने के कितनी देर बाद दवा खाना चाहिए? हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए इसका सही जवाब