नई दिल्लीः क्या आपको भी बीच पर जाकर समय बिताना पसंद हैं? क्या आप भी हैं अपनी टैनिंग से परेशान? अगर हां, तो जरा सावधान हो जाएं. जी हां, शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि टैनिंग का अगर लंबे समय तक इलाज ना करवाया जाए तो स्किन कैंसर हो सकता है.

क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, सूरज की किरणों के संपर्क में आने से और टैनिंग दोनों ही स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं और एक समय के बाद स्किन एजिंग होने लगती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एन्वायरमेंटल फैक्टर्स से स्किन मल्टीपल वेज में डैमेज हो जाती है. यूवीबी रेज सर्नबर्न का कारण है तो यूवीए पिगमेंटेशन का. इतना ही नहीं, रेडिएशंस से स्किन अंदर तक डैमेज हो जाती है. साथ ही ये कोलेजन स्तर को भी डैमेज करती है और कोलेजन के प्रोडक्शन को भी कम करती है. ऐसे में स्किन पर रिंकल्स पड़ जाते हैं. स्किन शिथिल पड़ जाती है.

यूएस के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के डॉ. एरियाने का कहना है कि सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन से ना सिर्फ स्किन कैंसर का खतरा रहता है बल्कि ये स्किन एजिंग के लिए भी जिम्मेदार है. इसके अलावा हीट और लाइट से निकलने वाली रेडिएशंस भी स्किन पर नेगेटिव इंपैक्ट करती है ठीक वैसे ही जैसे पॉल्यूशन से स्किन पर असर पड़ता है. ऐसे में एन्वायरमेंट से स्किन को प्रोटेक्‍ट करना ही आपकी सेहत और स्किन के लिए बेहतर है.

सनस्क्रीन-
यूवी रेज, पॉल्यूशन और लाइट्स के एक्सपोजर में आने से स्किन पर रेडनेस, स्किन टोन का चेंज होना, डार्कर स्किन होना जैसी चीजें होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन यानि SPF 30 या इससे अधिक का इस्तेमाल करें जो कि स्किन को यूवीए और यूवीबी से प्रोटेक्टट करता है.