भारत के सबसे बड़े कैंसर हॉस्पिटल मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने एक खास पहल की है.  साइंस-फिक्शन का सामान बस यही कर रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को यह सिखाने के लिए गहन शिक्षा को तैनात करना कि कैंसर का शुरुआती निदान कैसे किया जाए. डॉक्टरों का कहना है कि यह पता लगाने वाला उपकरण, पूर्वानुमानित गैर-उत्तरदाताओं के लिए अनावश्यक कीमोथेरेपी से बचने में भी मदद करेगा.


AI के जरिए आसानी से लगाया जा सकता है पता


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) धीरे-धीरे हमारी जिंदगी के हर पहोलू को प्रभावित कर रहा है. यही कारण है कि जिंदगी के हर क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रहा है. ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च (NIHR) के मुताबिक AI की मदद से बीमारियों की स्क्रीनिंग और इलाज दोनों का पता आसानी से लगाया जा सकता है. A1 के जरिए आप यह भी पता लगा सकते हैं कि कौन से हॉस्पिटल में कितने बेड बचे हैं. AI के जरिए ब्रेस्ट स्क्रीनिंग और रेडियोलॉजिस्ट का काम आधा हो गया है.


एनआईएचआर की रिपोर्ट के मुताबिक AI के जरिए मेडिकल के क्षेत्र में शानदार काम हो रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अब ऐसा समय आ गया है कि हम AI पर भरोसा कर सकते हैं. आंखों में होने वाली बीमारी से लेकर पेट में बीमारी होने तक का पता हम AI के जरिए लगाया जा सकता है. 2,500 लोगों की आंखों का चेकअप AI के जरिए किया जा सकता है. 


AI आधारित स्टेथोस्कोप के जरिए घर पर ही प्राइमरी स्टेड पर हार्ट अटैक के लक्षण को पहचान सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 90 प्रतिशत तक सही बताता है. रूटीन ब्लड टेस्ट से भी AI एप्लीकेशन से पता चल जाएगा कि किसी व्यक्ति को कब दिल का दौरा पड़ने वाला है. 100 में से एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है. 


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