भारतीय औषधि महानियंत्रक ने टाटा सीआरआईएसपीआर (क्लस्टर्ड रेगुलरली इन्टरस्पेस्ड शॉर्ट पालिंड्रोमिक रिपीट्स) कोविड-19 जांच 'फेलुदा' के व्यावसायिक लॉन्च को मंजूरी दे दी है. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद(सीएसआईआर) ने शनिवार को यह जानकारी दी.
सीएसआईआर ने एक बयान में कहा, ‘‘इस जांच में सार्स-कोव-2 वायरस के जीनोमिक अनुक्रम का पता लगाने के लिए एक स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक सीआरआईएसपीआर तकनीक का उपयोग किया गया है.’’ टाटा सीआरआईएसपीआर जांच की सटीकता का स्तर पारंपरिक आरटी-पीसीआर जांच जितना ही है, लेकिन यह कम समय, कम लागत में परिणाम देती है और इसका इस्तेमाल भी आसान है.
इस तकनीक को सीएसआईआर-आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी) द्वारा विकसित किया गया है. टाटा कंपनी ने कहा कि यह जांच सटीक परिणाम देने में पारंपरिक आरटी-पीसीआर परीक्षण के समतुल्य है. इसके अलावा यह सस्ता और कम समय में परिणाम देता है. इस पद्धति का प्रयोग भविष्य में अन्य महामारियों के परीक्षण में भी किया जा सकेगा.
कंपनी ने कहा कि टाटा क्रिस्पर परीक्षण सीएएस9 प्रोटीन का इस्तेमाल करने वाला विश्व का पहला ऐसा परीक्षण है, जो सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी फैलाने वाले वायरस की पहचान कर लेता है.
बता दें कि दुनियाभर में अबतक 3 करोड़ 9 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इसमें से 9 लाख 60 हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी है तो वहीं 2 करोड़ 25 लाख से ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं. पूरी दुनिया में 74 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं.
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