Best Treatment For Stroke: रोजाना पिएं 4 से 5 कप कॉफी और चाय, स्ट्रोक के खतरे से रहेंगे दूर!
कोविड के बाद से ही स्ट्रोक के मामले ज्यादा आ रहे हैं. लेकिन एक स्टडी में सामने आया है कि चाय और कॉफी के सेवन से डिमेंशिया और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है.
Stroke Treatment: चाय और कॉफी लवर्स के लिए एक बेहतरीन खबर सामने आ रही है. एक रिसर्च के मुताबिक चाय कॉफी पीने से डिमेंशिया और हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है. टियांजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा जारी किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 50 से 74 साल के बीच के स्वस्थ व्यक्ति जो हर रोज 2 से 3 कप कॉफी या 3 से 5 कप चाय पीते हैं, या हर दिन 4 से 6 कप चाय और कॉफी मिलाकर पीते हैं, उन सभी में स्ट्रोक और डिमेंशिया की सबसे कम घटनाएं पाई गई है.
32 फीसदी लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम पाया गया
रिसर्च में सामने आया है कि रोजाना दो से तीन कप कॉफी और दो से तीन कप चाय पीने वालों में स्ट्रोक का खतरा 32 फ़ीसदी कम था. चाय या कॉफी ना पीने वालों की तुलना में इन लोगों में डिमेंशिया का खतरा 28% तक कम रहा. हालांकि चाय और कॉफी से स्ट्रोक का खतरा क्यों और कैसे घटता है इसकी सही वजह सामने नहीं आ पाई है.शोधकर्ताओं को ये जानकारी ब्रिटेन के बायो बैंक से मिली है, जिसे 2006 से 2014 के बीच किया गया था.इस दौरान 5,079 प्रतिभागियों को डिमेंशिया और 10,053 को स्ट्रोक का सामना करना पड़ा.
कॉफी से घटता है अल्जाइमर का खतरा
इससे पहले कि स्टडी में भी बताया गया है कि रोजाना तीन से चार कप कॉफी पीना अल्जाइमर का खतरा घटा सकता है. हालांकि 1 दिन में 6 से ज्यादा कप कॉफी पीने वालों में डिमेंशिया या मानसिक विकारों का जोखिम बढ़ भी सकता है.
क्या होता है डिमेंशिया?
साधारण भाषा में कहें तो डिमेंशिया को भूलने की बीमारी कहते हैं. इसमें भूलने के अलावा नई बातें याद करने में दिक्कत होना, लॉजिक को समझना पाना, लोगों से मिलने जुलने में झिझकना, इमोशंस को संभालने में दिक्कत, पर्सनालिटी चेंज भी शामिल है. यह सभी लक्षण ब्रेन लॉस के कारण होते हैं जैसे लाइफ में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
जानिए क्या होता है ब्रोन स्ट्रोक?
विशेषज्ञों के मुताबिक जब ब्रेन तक पहुंचने वाला ब्लड सरकुलेशन काफी कम हो जाता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है तो ब्रेन स्ट्रोक होता है. इसके 80 फ़ीसदी मामलों में ब्लड सरकुलेशन रुकने की वजह से खून के थक्के जम जाते हैं.ये खून के थक्के ही ब्रेन तक ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचने से रोकते हैं और इसका नतीजा होता है ब्रेन स्ट्रोक.
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी को केवल सुझाव के तौर पर लें, इस तरह के किसी भी उपचार, इलाज या डाइय पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें
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