कोलकाता: विंटर्स में शरीर के टेम्परेचर में गिरावट और विटामिन डी के लेवल में कमी और ब्‍लड के डार्क होने से हार्ट अटैक का रिस्‍क बढ़ जाता है.


क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट-

एक्‍सपर्ट के मुताबिक, विंटर्स के दौरान टेम्परेचर में अचानक गिरावट के अलावा, तेज हवा और बारिश अक्सर बॉडी के टेम्परेचर को कम कर देते हैं. इसके कारण ब्‍लडप्रेशर अचानक बढ़ जाता है जिससे हार्ट अटैक का रिस्‍क बढ़ जाता है.

विंटर्स में हार्ट अटैक के कारण-

आनंदपुर के फोर्टिस अस्पताल में कंसलटेंट हार्ट स्‍पेशलिस्‍ट पृथ्वीराज भट्टाचार्य का कहना है कि 40 वर्ष की उम्र से ऊपर के व्यक्तियों को ऐसे मौसम में हार्ट अटैक का रिस्‍क अधिक होता है. हाई ब्‍लडप्रेशर, मोटापा, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज या बहुत ज्‍यादा स्‍मोकिंग विंटर्स के दौरान हार्ट अटैक के रिस्‍क को बढ़ा देते हैं.

हेल्‍थ चेकअप कराते रहें-

भट्टाचार्य ने बताया कि हार्ट अटैक हमेशा वार्निंग के संकेत के साथ नहीं आता है. इसलिए सर्दियों के दौरान नियमित हेल्‍थ चेकअप कराना बहुत जरूरी है. ब्‍लड में ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल के लेवल का ध्यान रखा जाना चाहिए. इसके अलावा शराब के बहुत ज्‍यादा सेवन और जंक फूड से बचना चाहिए.