दिल्ली: सेरो सर्वेक्षण में खुलासा, दोबारा हो सकता है कोरोना, ठीक हुए 208 मरीजों में से 97 के ब्लड में नहीं मिला एंटीबॉडीज
दिल्ली में कराए गए सेरो सर्वेक्षण में क्षणिक प्रकार की प्रतिरोधक क्षमता का पता चला है.NCDC ने कहा कि इसके लिए अतिरिक्त अध्ययन में उसकी और जांच की जरूरत है.
नई दिल्ली: एंटीबॉडी की व्यापक जांच के लिए दिल्ली में कराए गए सेरो सर्वेक्षण में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. सर्वेक्षण के मुताबिक कोविड-19 से संक्रमित हो चुके 208 लोगों में से 97 के ब्लड में एंटीबॉडीज नहीं पाए गए. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने बताया, "इससे संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस से विकसित हुई प्रतिरोधक क्षमता 'क्षणिक प्रकार की' है.
सेरो सर्वेक्षण में चौंकानेवाला खुलासा
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार और NCDC के संयुक्त अभियान में 27 जून से 10 जुलाई के बीच सेरो सर्वेक्षण कराया गया था. इसके लिए 21 हजार 387 सैंपल इकट्ठा किए गए. इस दौरान पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों में 23 फीसद कोरोना वायरस के संपर्क में आए थे. NCDC की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘जिन लोगों पर सर्वेक्षण किया गया, उनमें आठ फीसद ने कोविड-19 जांच में संक्रमित होने की बात कही. उनमें से केवल 208 यानी 13.5 फीसद RT-PCR जांच में संक्रमित पाए गए.
कोरोना से विकसित प्रतिरोधक क्षमता क्षणिक
208 में 111 ऐसे लोग थे जो सेरोपोजिटिव पाए गए जबकि 97 में सेरोनेगिटिव की पुष्टि हुई.’’ NCDC ने कहा, ‘‘यह निष्कर्ष वर्तमान वैज्ञानिक ज्ञान की पुष्टि करता है कि कोरोना वायरस से विकसित प्रतिरोधक क्षमता क्षणिक प्रकार की है. इसके लिए अतिरिक्त अध्ययन में उसकी और जांच की जरूरत है.’’ उसने नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरूग्राम और सोनीपत में महामारी की प्रवृति का मूल्यांकन करने के बाद सेरो सर्वेक्षण करने की सिफारिश की है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 22 जुलाई को घोषणा की थी कि अंतिम सर्वेक्षण के परिणामों का विश्लेषण करने के बाद दिल्ली में इस तरह के और अभ्यास कराए जाने का फैसला किया जाएगा. जिससे राजधानी में कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की जा सकेगी.
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