मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे बड़ा सुख होता है. यह एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. लेकिन, दुर्भाग्यवश कई महिलाएं नहीं बनने की समस्या से जूझती हैं, जिसके कारण वे इस सुख से वंचित रह जाती हैं. लंबे समय तक कोशिश करने के बाद भी महिला गर्भधारण नहीं कर पाती. इसका एक बड़ा कारण ऐंडोमैट्रिओसिस बीमारी है. यह बीमारी धीरे-धीरे महिलाओं में आम होती जा रही है, लेकिन इसके बारे में जानकारी कम ही लोगों को होती है. तो आइए जानते हैं ऐंडोमैट्रिओसिस क्या है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में. 


ऐंडोमैट्रिओसिस क्या है?
ऐंडोमैट्रिओसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है. यह परत आमतौर पर अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब्स, और पेट के अन्य हिस्सों पर बढ़ सकती है. इससे उन जगहों पर सूजन और दर्द होता है. जब महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) होता है, तो यह परत टूटती है और खून के रूप में बाहर निकल जाती है. लेकिन ऐंडोमैट्रिओसिस के मामले में यह परत अंदर ही रहती है और आसपास के अंगों पर दबाव डालती है. इससे तेज दर्द, भारी पीरियड्स, और कई बार बांझपन की समस्या हो सकती है. 


लक्षण



  • पेट और पीठ में दर्द: पीरियड्स के दौरान और उसके पहले पेट और पीठ में तेज दर्द होता है.

  • भारी पीरियड्स: पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा खून का बहना.

  • बांझपन: लंबे समय तक कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण न होना.

  • थकान और कमजोरी: हमेशा थकान महसूस करना और कमजोरी रहना.

  • पेशाब और मलत्याग में परेशानी: पेशाब और मलत्याग के दौरान दर्द और परेशानी होना. 


जानें कारण



  • अभी तक ऐंडोमैट्रिओसिस के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ संभावित कारण हो सकते हैं.

  • हॉर्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन हॉर्मोन की अधिकता.

  • परिवारिक इतिहास: अगर किसी के परिवार में यह बीमारी पहले से है तो उसे भी हो सकती है.

  • प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी: प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने से भी यह बीमारी हो सकती है.

  • सर्जरी के बाद: कुछ सर्जरी के बाद भी यह समस्या हो सकती है. 


जानें इसका इलाज



  • ऐंडोमैट्रिओसिस का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है.

  • दवाइयां: दर्द और सूजन कम करने के लिए दवाइयां दी जा सकती हैं.

  • हॉर्मोनल थेरेपी: हॉर्मोनल संतुलन के लिए थेरेपी दी जा सकती है.

  • सर्जरी: गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत हो सकती है.

  • लाइफस्टाइल में बदलाव: नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव कम करना भी मददगार हो सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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