'यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन' के रिसर्चर ने पिछले कई सालों से ब्रेन इमेजिंग के ऊपर रिसर्च कर रहे हैं. इस स्टडी में उन्होंने पाया कि इंटरनेट की लत के कारण आजकल के नौजवानों के दिमाग में ऐसे कई सारे केमिकल रिएक्शन होते हैं. जो नशे की लत, गलत व्यवहार के साथ-साथ नेगेटिव बिहेवियर को जन्म देते हैं.
हालांकि, यह पूरी रिसर्च ईस्ट एशियाई देशों के केवल 237 लोगों पर मस्तिष्क इमेजिंग अध्ययनों पर आधारित है. इंटरनेट की लत नौजवानों के मस्तिष्क में कई तंत्रिका नेटवर्क को प्रभावित करती है, कुछ नेटवर्क में गतिविधि को बढ़ाती है और अन्य नेटवर्क में इसे कम करती है.
इंटरनेट का युवाओं पर असर
बदलते समय के साथ इंटरनेट भी तेजी से बदल रहा है. ऐसा समय था जब लोग 2G पर काम करते थे. लेकिन अब लोग 5G की हाई स्पीड पर काम करते हैं. ताकि कदम से कदम मिला सके. आजकल इंटरनेट के कारण नौजवानों की जिंदगी बेहद आसान बन गई है. लेकिन कहते हैं कुछ चीजें आती है तो वह अपने साथ-साथ अच्छी और बुरी दोनों चीजों को लेकर आती है. आजकल लोग धड़ल्ले से इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण काफी ज्यादा नुकसान होता है.
उदाहरण के लिए इंटरनेट की लत दिमाग के उन हिस्सों पर बुरा असर डालती है जो सबसे ज्यादा काम करती है. यह दिमाग का वो हिस्सा होती है जो काफी ज्यादा पॉजिटिव और लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार शामिल होते हैं. रिसर्च ने दिमाग के उन हिस्सों में बढ़ी और घटी हुई गतिविधि के जटिल मिश्रण को भी देखा. जिन्हें डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क कहा जाता है. यह तब सक्रिय होता है जब लोग किसी विशिष्ट कार्य में व्यस्त नहीं होते हैं, लेकिन अपने दिमाग को आराम से भटकने देते हैं.
निष्कर्ष बताते हैं कि इंटरनेट की लत से जुड़ी बदली हुई तंत्रिका गतिविधि संभावित रूप से नकारात्मक व्यवहार और विकासात्मक परिवर्तनों को जन्म दे सकती है जो किशोरों के जीवन को प्रभावित कर सकती है. UCL के एक शोधकर्ता और समीक्षा के सह-लेखक लमैक्स चांग ने एक प्रेस रिलीज में कहा है.
साउथ कोरिया और इंडोनेशिया में 10 से 19 साल की उम्र के 237 युवाओं पर किए गए पहले के रिसर्च को शामिल किया गया है. जिसमें इंटरनेट की लत का पता चला था. एशिया, यूके और यूएस में 80 प्रतिशत से अधिक किशोरों के पास इंटरनेट तक पहुंच है और पहले के रिसर्च में सुझाव दिया है कि एशियाई देशों में इंटरनेट की लत (5.7 प्रतिशत) यूरोपीय देशों (2.7 प्रतिशत) की तुलना में अधिक है.
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