इस सप्ताह एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. रोजाना बादाम खाने से दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा कम होता है. बादाम खाने से वजन कम करने के साथ-साथ डायबिटीज का खतरा भी कम होता है. हद से ज्यादा बादाम खाने से किडनी की बीमारी हो सकती है. साथ ही साथ इसके कड़वे स्वाद शरीर में टॉक्सिक पदार्थों को बढ़ाते हैं. ये नट्स ट्री नट एलर्जी को भी बढ़ा सकते हैं, और इनके फाइबर पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं.


बादाम एक खास तरह के केमिकल होते हैं


सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया कि बादाम में कुछ ऐसे केमिकल होते हैं जिससे कैंसर हो सकता है. ये केमिकल छिलके के ठीक नीचे होते हैं जो हमारे पेट में पहुंचकर कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं. जब भी बादाम खाएं तो भिगोकर खाएं और उसे छीलकर ही खाएं. बादाम खाना पूरी तरह से सेफ्टी होता है.  


बादाम खाने से कैंसर भी हो सकता है. यह बात किसी को भी सुनकर हैरानी हो सकती है कि बादाम खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. बादाम को ब्रेन बूस्टर भी कहा जाता है. रोजाना बादाम खाने से दिमाग काफी ज्यादा बढ़ता है. बादाम खाना सेहत के लिए हर मायनों में फायदेमंद होता है. लेकिन बादाम खाने में कई लोग अकसर बहुत बड़ी गलती कर देते हैं. जानकर हैरानी होगी कि अगर बादाम को सही तरीके से नहीं खाया तो कैंसर होने का खतरा पैदा हो सकता है. आइए इस लेख में हम आपको बताते हैं कि बादाम को खाने का सबसे सही तरीका क्या है.


सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बादाम खाने का बताया ये खास तरीका


बादाम के छिलके में पॉलीफेनॉल्स की मौजूदगी के कारण फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो हृदय संबंधी बीमारियों और कैंसर के खिलाफ़ सुरक्षा एजेंट के रूप में काम करता है. फेसबुक पर 3 लाख से ज्यादा बार इस वीडियो को देखा गया है. इस वीडियो को इतना ज़्यादा बार देखे गए एक वीडियो में सद्गुरु के नाम से मशहूर जगदीश वासुदेव का दावा है कि बादाम के छिलके में कैंसरकारी रसायन होते हैं. लोगों को बादाम को पानी में अच्छी तरह भिगोने और फिर उसका छिलका उतारने के बाद ही उसका सेवन करना चाहिए.


फ़र्स्ट चेक को इस दावे की पुष्टि करने वाला कोई शोध नहीं मिला कि बादाम के छिलके से कैंसर हो सकता है. हमने वैज्ञानिक दृष्टिकोण जानने के लिए साइटकेयर कैंसर हॉस्पिटल, बेंगलुरु, भारत के वरिष्ठ सलाहकार और मेडिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. प्रसाद नारायणन से संपर्क किया.


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ऑन्कोलॉजिस्ट कहते हैं बादाम के छिलके में पॉलीफेनॉल्स (एक प्रकार का पौधा यौगिक) की मौजूदगी के कारण फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. वे हृदय संबंधी बीमारियों और कैंसर के खिलाफ़ सुरक्षा एजेंट के रूप में भी काम करते हैं. अध्ययनों से पता चलता है कि पॉलीफेनॉल्स में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कैंसर को रोकने के लिए जाने जाते हैं.वीडियो में यह भी बताया गया है कि सभी अनाज और फलियों में एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो पौधों को बैक्टीरिया के संक्रमण और कीड़ों से सुरक्षित रखने में उपयोगी होते हैं. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (एसकेआरएयू), भारत में खाद्य और पोषण की सहायक प्रोफेसर रुचिका गहलोत इस बात से सहमत हैं.


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बादाम में पाए जाने वाले प्लांट इनहिबिटर्स हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं. उन्हें पानी में भिगोने से ये प्लांट इनहिबिटर्स सतह पर आ जाते हैं. जिससे खाने से पहले उन्हें निकालना आसान हो जाता है.आप बादाम का सेवन कैसे करते हैं यह आपकी व्यक्तिगत पसंद का मामला है. सोशल मीडिया पोस्ट के झांसे में न आएं जो खाने के विकल्पों के बारे में अनावश्यक घबराहट और डर पैदा करते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें


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