लंदन: कम्प्यूटर स्क्रीन पर हरे रंग के फिल्टर लगाने से डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चों को तेजी से पढ़ने में मदद मिल सकती है. रिसर्च में पाया गया है कि इन फिल्टर्स का समान उम्र के बच्चें हो या फिर वो डिस्लेक्सिया वाले बच्चें हो उनपर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ता. पढ़ाई-लिखाई में आने वाली दिक्कतों से पीड़ित बच्चों के लिए मददगार रंग बिरंगे फिल्टरों का पहली बार साल 1983 में पेटेंट कराया गया था. ये ऑटिज्म और ध्यान लगा पाने में कमी से पीड़ित बच्चों के इस्तेमाल के लिए भी बनाए गए.
फ्रांस में पेरिस डाइडरॉट यूनिवर्सिटी में रिसर्च करने वाली मिलेना रजुक ने कहा, "हमने पहली बार अत्यधिक कठोर तरीके का इस्तेमाल किया." पेरिस के एक अस्पताल में रिसर्च के लिए डिस्लेक्सिया से पीड़ित 18 बच्चों और बगैर डिस्लेक्सिया वाले 18 बच्चों का चयन किया गया. रिसर्चर्स ने रिसर्च में पीले और हरे रंग के फिल्टर का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
ब्राजील स्थित साओ पाउलो स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोस एंजेलो बरेला ने कहा, "डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे को वाक्यों को समझने के लिए लंबे समय तक शब्दों पर गौर करना पड़ता है. इसके परिणामस्वरूप पढ़ने की गति धीमी हो जाती है."
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फिल्टर्स का बिना डिस्लेक्सिया वाले बच्चों की पढ़ने की गति पर कोई असर नहीं पड़ा लेकिन डिस्लेक्सिया वाले बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ा. हरे रंग के फिल्टर वाले कम्प्यूटरों पर उन्होंने तेजी से शब्द पढ़े.