World Aids Day 2022: भारत में पहले के मुकाबले अब HIV संक्रमण कम हो रहा है लेकिन अभी भी देश में लगभग 24.01 लाख के करीब मरीज हैं. जिनमें 51,000 बच्चे शामिल हैं. यह मरीज ज्यादातर साउथ इंडिया के रहने वाले हैं. केंद ने राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश किया है जिसमें उन्होंने बताया कि साउथ इंडिया के ज्यादातर राज्य जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित साउथ इंडिया के दूसरे 8 राज्यों में एचआईवी के मरीज काफी ज्यादा हैं.
एचआईवी के मरीजों की संख्या में औरत और बच्चे ज्यादा हैं
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार के मुताबिक सरकार की 'एचआईवी 2021 रिपोर्ट' के मुताबिक, भारत में एचआईवी (पीएलएचआईवी) के साथ रहने वाले लोगों की संख्या 24.01 लाख की बढ़ोतरी हुई है. कुल अनुमानित पीएलएचआईवी में लगभग 45 फीसदी (10.83 लाख) महिलाएं हैं, और 2 फीसदी - लगभग 51,000 - 12 साल से कम उम्र के बच्चे हैं.
HIV के मरीजों के साथ रहने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा महाराष्ट्रे में हैं
एक आंकड़े के मुताबिक PLHIV (People Living with HIV) की सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र में है . सिर्फ महाराष्ट्र में 3.94 लाख ऐसे लोग हैं जो एचआईवी के मरीज के साथ रहते हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश है आता है. जहां पर ऐसे लोगों की संख्या 3.21 लाख है. कर्नाटक में 2.76 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख, तमिलनाडु में 1.63 लाख, तेलंगाना में 1.56 लाख, बिहार में है 1.43 लाख, और गुजरात 1.14 लाख.
पूरे भारत में एचआईवी लोगों की संख्या में गिरावट आई
भारती प्रवीण पवार के मुताबिक पीएलएचआईवी में इन आठ राज्यों की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है. पूरे भारत में एचआईवी/एड्स से पीड़ित मरीज की संख्या में गिरावट आई है. एचआईवी साल 2021 के मुताबिक, 2010 के बाद से भारत में साल में नए एचआईवी संक्रमणों में 46 प्रतिशत की गिरावट आई है. यूएनएड्स 2022 फैक्ट शीट का हवाला देते हुए, मंत्री ने विश्व स्तर पर कहा; कि 2010 के बाद से वार्षिक नए एचआईवी संक्रमणों में 32 प्रतिशत की गिरावट आई है.
भारत ने गंभीर बीमारियों से लड़ते हुए एचआईवी पर कंट्रोल किया
पिछले सप्ताह जारी यूएनएड्स की नए रिपोर्ट के मुताबिक, भारत उन देशों में शामिल है, जिन्होंने कोविड-19 और अन्य संकटों के बीच भी एचआईवी संक्रमण में सबसे महत्वपूर्ण कमी दिखी है. इस लिस्ट में दूसरे देश हैं दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया और संयुक्त गणराज्य तंजानिया हैं.
एचआईवी मरीज को टीबी होने का खतरा
एचआईवी वालों मरीजों की ज्यादातर मौत टीबी के कारण ही होती है. जिन लोगों को एचआईवी है उन्हें टीवी का संक्रमण फैलने का खतरा 18 प्रतिशत बढ़ जाता है.
हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2019 और 2020 में एचआईवी से पीड़ित लोगों को टीबी का ठीक से इलाज करने में 8% की गिरावट देखी गई है. वहीं दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त गणराज्य सहित तंजानिया जैसे देश में एड्स के मरीज को अगर टीबी हो जाए और उसके इलाज में 30 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.