डायबिटीज किसी एक देश की बीमारी नहीं रह गई है बल्कि यह ग्लोबल स्तर एक बड़ी समस्या बन गई है. सबसे हैरानी की बात यह है कि हर साल इसकी संख्या बढ़ती जा रही है. सिर्फ भारत में बीते कुछ सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. जो अब एक चिंता का विषय बन गया है. डायबिटीज की बीमारी का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और खानपान होती है. वहीं अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में डायबिटीज के काफी ज्यादा मरीज रहे हैं तो आपके लिए यह बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है. जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री डायबिटीज से भरी हो उन्हें खास सावधानी बरतने की जरूरत है. 


अब सवाल यह उठता है कि क्या अगर माता-पिता को डायबिटीज है तो उनके बच्चे को निश्चित यह बीमारी होगी? इस पर डॉक्टर कहते हैं कि डायबिटीज जेनेटिक बीमारी तो है ही. साथ इसके कई कारण होते हैं. अगर कुछ बातों का खास ध्यान रखा जाए तो इसके जोखिम को कम किया जा सकता है. आजकल तो कम उम्र के लोग भी डायबिटीज के बीमारी का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में कुछ खास उपाय करने की जरूरत है. 


डायबिटीज के जोखिम बढ़ाने वाले कारण


'नेचर जर्नल' में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों की फैमिली में डायबिटीज के मरीज पहले से हैं. उनलोगों को आने वाले समय में डायबिटीज की बीमारी हो सकती है. या उन लोगों को जोखिम भी बढ़ सकता है. जिनकी फैमिली हिस्ट्री डायबिटीज से भरी है उन्हें तो खास सावधानी रखने की जरूरत है. 


कम कर सकते हैं जोखिम


जिनकी फैमिली में डायबिटीज के कई मरीज हैं उन्हें अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में खास बदलाव करने चाहिए. क्योंकि लाइफस्टाइल ठीक रहेगी तो इस बीमारी का जोखिम कम होता है. जैसे- एक्सरसाइज करना, पौष्टिक डाइट और एक्टिव रहना डायबिटीज के जोखिम को कम करता है. अगर आपका वजन काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है तो आपको डायबिटीज होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 


एक्सरसाइज करने के साथ-साथ खानपान का खास ध्यान रखें


फैमिली में अगर ज्यादातर लोगों को डायबिटीज है तो आपको इसके जोखिम से बचने के लिए खास आपको हर रोज एक्सरसाइज करने के साथ खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत है. आप जितना ज्यादा एक्टिव रहेंगे आपके ब्लड में शुगर लेवल उतना ही कम रहेगा. 


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