कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है. पूरी दुनिया में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है कैंसर, हर साल लाखों लोगों की इस बीमारी से जान तक चली जाती है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी कोई सीमा नहीं है यह किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है. यह इतनी ज्यादा खतरनाक बीमारी है जोकि पूरे परिवार के सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि तक को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, हाल ही में हुए एक रिसर्च में इसे लेकर काफी जिंता जताई गई है, साल 2050 तक पुरुष में होने वाले कैंसर से होने वाली मौत की संख्या बढ़ने वाली है.
महिलाओं के मुकाबले इस कारण पुरुषों को कैंसर होने का जोखिम
जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे कैंसर होने का जोखिम भी बढ़ता जा रहा है. वृद्ध पुरुष कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे प्रोस्टेट और फेफड़ों के कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जो पुरुषों में कैंसर के सबसे आम रूपों में से कुछ हैं.
यह रिसर्च पूरे 185 देशों के आधार मानकर किया गया है
रिसर्चर ने पुरुषों में कैंसर की घटनाओं और मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए 185 देशों और क्षेत्रों के साथ-साथ 30 कैंसर टाइप्स और जनसांख्यिकीय डेटा के ऊपर रिसर्च किया है. इस रिसर्च में रिसर्चर ने पाया कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में धूम्रपान और शराब पीने की संभावना अधिक होती है, जिससे उनमें कैंसर और कैंसर से संबंधित मौतों का जोखिम बढ़ जाता है. इसके अलावा, पुरुषों के काम के दौरान कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आने की संभावना अधिक होती है और उनके कैंसर की स्थिति की जांच करवाने की संभावना कम होती है.
65 साल से ज्यादा उम्र वालों को है खतरा
रिसर्चर के मुताबिक 65 साल या उससे अधिक उम्र वाले पुरुषों की जीवित रहने की दर युवा पुरुषों की तुलना में कम थी, क्योंकि वे चिकित्सा के प्रति कम सहनशील होते हैं और जीवन में बाद में निदान प्राप्त करते हैं. इसके अलावा, उनमें से कुछ स्वास्थ्य सेवा के लिए भुगतान करने में असमर्थ हैं. इसी अवधि में, यह अनुमान लगाया गया है कि कैंसर से मरने वाले वृद्ध पुरुषों की संख्या 3.4 मिलियन से बढ़कर 7.7 मिलियन हो जाएगी, जबकि नए मामलों की संख्या 2022 में 6 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 13.1 मिलियन हो जाएगी.
विभिन्न देशों की आर्थिक स्थिति के अनुसार रिसर्चर ने कैंसर में अंतर की भी पहचान की है. शोधकर्ताओं ने लिखा, "2022 और 2050 के बीच, अफ्रीका और पूर्वी भूमध्य सागर में, घटना के मामलों और मौतों की संख्या में 2.5 गुना वृद्धि होने का अनुमान है. इसके विपरीत यूरोप में लगभग आधे की वृद्धि का अनुमान है.
साल 2022 से 2050 तक इतने प्रतिशत की होगी वृद्धि
साल 2022 से 2050 तक 87% से अधिक की वृद्धि के साथ, 2050 में दुनिया भर में कैंसर के मामलों और मौतों का प्राथमिक कारण फेफड़े का कैंसर होने की उम्मीद है. कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर इसके बाद आते हैं. 2050 तक प्रोटेस्टेट कैंसर और अधिक घातक होने वाले हैं. साथ ही साथ त्वचा कैंसर के कारण और भी लोगों की जान सकती है.
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