नई दिल्लीः जून में मायो क्लीनिक ने पहला फेस का ट्रांसप्लांट किया है. मेडिकल फीट के मुताबिक, ये एक अनकॉमन प्रोसिजर है. दो लोग एक ही तरह की सिचुएशन में मिले जिसमें से एक का चेहरा डैमेज हो चुका था और दूसरे की मौत हो गई. जानिए, इस एक लंबी स्टोरी के बारे में जिसमें अब चेहरे का ट्रांसप्लांट हो गया है सक्सेसफुल.


2006 में नहीं कर पाए कुछ-
2006 में 21 वर्षीय एंडी सैंडनेस ने सोसाइड करने की कोशिश की. उनकी चिन में शॉट होने से चेहरा बुरी तरह से बिगड़ गया लेकिन वे सरवाइव करते रहे. जब वे स्टेबल हो गए तो मायो क्लीनिक के डॉक्टर्स ने इनका फेस ठीक करने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन फिर भी वे उसके जॉ, नोज और दांतों को ठीक नहीं कर पाएं.

2012 में आया फेस ट्रांसप्लांट का आइडिया-
एंडी फिर अपने घर चला गया. 2012 में मायो क्लीनिक को एक आइडिया आया फेस ट्रांसप्लांट करने का. ये प्रोसिजर बेहद कॉम्पलिकेटिड था और इसमें काफी रिस्क भी था. लेकिन कुछ रिसर्च के बाद एंडी भी फेस ट्रांसप्लांट करवाने के लिए राजी हो गया. एंडी ने सर्जरी सक्सेसफुल होने पर कहा इस सर्जरी से मैं वापिस नॉर्मल हो गया हूं. इस सर्जरी के लिए 3 साल तक मायो क्लीनिक के डॉक्टर्स ने 50 शनिवार ट्रेनिंग ली.

देखिए सर्जरी की वीडियो-


ऑर्गन डोनर-
जनवरी 2016 में एंडी ने डोनर्स की एक लिस्ट बनाई. पांच महीने के अंदर ही एंडी को अपने फेस का मैच मिल गया. 21 साल के केलन रूडी रोज ने अपने सिर को शॉट कर लिया था और वो ऑर्गन डोनर बना. कुछ समय झिझकने के बाद लिली रोज जो उस समय गर्भवती थी, ने फेस ट्रांसप्लांट के लिए सहमती दे दी.

56 घंटे और 60 स्टाफ-
लिली ने ये सोचकर अपने पति के फेस ट्रांसप्लांट के लिए हामी भर दी कि वे अपने बेटे को बता पाएगी कि कैसे उसके पिता ने मरने के बाद किसी की हेल्प की. इस फेस ट्रांसप्लांट सर्जरी में कुल 56 घंटे लगे और इसमें 60 स्टाफ मेंबर्स मौजूद थे.

पूरी टीम दिनभर डोनर की बोंस, मसल्स और स्किन मिलाती रहीं. बाकी टाइम फेस को रिबिल्डिंग करने में लगा. बचा समय एंडी की आंखों के नीचे के हिस्से को बनाने में लग गया.

32 घंटे बाद टीम नाक, टीथ, लिप्स, जॉ और चिन को ट्रांसप्लांट करने में सफल हुई. एंडी ने प्रोसिजर के बाद तीन सप्ताह तक खुद को नहीं देखा. जब उसने फेस ट्रांसप्लांट के बाद खुद को पहली बार देखा तो वो हैरान रह गया. अब तीन महीने के बाद एंडी का चेहरा एकदम नॉर्मल लगने लगा है.

अब एंडी की सांस लेने, सूंघने और खाने की क्षमता डवलप हो गई है. एंडी अब भीड़ में भी कंफर्ट महसूस करता है.

इससे पहले भी हो चुका है फेस ट्रांसप्‍लांट-
http://abpnews.abplive.in/lifestyle/french-woman-who-received-worlds-1st-face-transplant-dies-451906