वर्जिनिटी को लेकर हमारे समाज में कई सारी धारणाएं हैं. जिन्हें अक्सर हम सच मानकर इसका पालन करते हैं. 21वीं सदी में रहते हुए भी हम कई सारी चीजों पर आंख बंदकर विश्वास करते हैं जो हमारे आगे आने वाले जेनरेशन के लिए ठीक नहीं है. वर्जिनिटी को हमारे समाज में महिलाओं -लड़कियों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट के रूप में जाना जाता है. क्या यह सही है?
एबीपी लाइव हिंदी ने 'मिथ vs फैक्ट्स' को लेकर एक सीरिज शुरू किया है. इस सीरिज के जरिए प्रेग्नेंसी को लेकर समाज में जितने भी मिथ है. जिसे लोग सच समझकर फॉलो करते हैं हम उनका लॉजिकल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.
'मिथ vs फैक्ट्स' सीरिज में हम ऐसे मुद्दों को उठाते हैं. उसके तह तक जाने की कोशिश करते हैं. जिससे अक्सर बोलचाल की भाषा में लोग इस्तेमाल करते हैं. जैसे हमारे समाज में प्रेग्नेंसी को लेकर कई सारी ऐसी बातें है जिसे डॉक्टर मिथ मानती है. इस Myth VS Truth सीरिज के जरिए ऐसी बातों को तथ्य के साथ हम आम जनता के साथ पेश करेंगे. ताकि आप दकियानूसी झूठी बातों के दलदल में न फंसे.
वर्जिनिटी के कॉन्सेप्ट के ऊपर चर्चा
अब समय आ गया है कि हम इस गलत धारणा को त्याग दें कि. वर्जिनिटी के कॉन्सेप्ट पर हम खुलकर बात करें. इस मुद्दे के ऊपर लड़का हो या लड़की सभी को शिक्षित करने की जरूरत है. ताकि उनके दिमाग में इससे जुड़े फैक्ट्स जरूर रहें.
हाइमन को लेकर गलत धारनाएं
1. हमारे समाज में हाइमन को लेकर आज भी गलत धारनाएं हैं. हाइमन के पतली सी झिल्ली होती है. जिसके बारे में अक्सर कहा जाता है कि अगर लड़कियां किसी के साथ फिजिकल संबंध बनाती है तो यह टूट जाता है. और इसी से पता चल जाता है कि वह लड़की वर्जिन है या नहीं? साथ ही यह भी कहा जाता है हाइमन टूटने के बाद ब्लीडिंग होता है. हाइमन को लेकर ऐसी मिथ है.
फैक्ट्स: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाइमन को लेकर यह बात बिल्कुल झूठ है. क्योंकि हाइमन कवर नहीं करती है. यह झिल्ली होती है. यह एकदम अंदर होती है. हाइमन एक्सरसाइज और खेलने से भी टूट सकती है. सिर्फ संबंध बनाने से हाइमन नहीं टूटता है. हाइमन आपकी वर्जिनिटी की निशानी नहीं है. यह काफी लचीला होता है और बिना टूटे इसमें प्रवेश किया जा सकता है. लेकिन यह इतना नाजुक होता है कि तीव्र शारीरिक गतिविधि से भी प्रभावित हो सकता है.
2. वर्जिनिटी टेस्ट
फैक्ट्स: हाइमन टेस्ट आपकी वर्जिनिटी टेस्ट नहीं हो सकता है. यह हमेशा के लिए कभी भी गायब नहीं हो सकता है. यह हमेशा शरीर में रहती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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