कोरोना के कारण हमारी जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है. हमारी लाइफस्टाइल में भी कई तरह के बदलाव आ चुके हैं. कोरोना के कारण ज्यादातर काम घर से ही दे दिए गए हैं. कोरोना के कारण सुरक्षा के लिए ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फॉर्म होम कर दिया है. हालांकि ये बेहद ही अच्छा ऑप्शन है लेकिन WFH सेट-अप के कई फायदे हैं और नुकसान है. इसके कई इफेक्ट भी देखें गए हैं. आइए जानते हैं कि कोरोना के इफेक्ट क्या क्या हैं.


जर्नल ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, वीडियो कॉन्फ्रेंस के उपयोग में काफी वृद्धि हुई, जिसका असर हमारी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ा है. लोग ज्यादा थकावट और तनावग्रस्त महसूस करने लगे हैं. लगातार हो रहीं वीडियो और ऑडियो मीटिंग, ऑफिस का काम खत्म करने के लिए लगातार ऑनलाइन रहने की जरूरत का असर सबके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. 


ऑफिस में काम करने से एक अलग अनुभव मिलता है, आपको एक अलग ऊर्जा और प्रेरणा देता है, जिससे आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है. वहीं घर से काम करना सुस्ती पैदा कर सकता है. पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में फर्क मिट गया है. पहले हम ऑफिस का काम निपटाने के बाद घर वापस जाते वक्त या फिर दोस्तों से मिलकर ऑफिस के प्रेशर को भुला देते थे. अब संक्रमण की डर की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.


कई लोगों के पास घर से काम करने के लिए एक कंफर्ट जोन नहीं होता है. एक ऐसी जगह जहां वह निजता के साथ एक अलग कमरे में काम कर सकें. ऑफिस के काम के साथ घर का काम करने से तनाव और बेचैनी बढ़ती है. हम घर से काम करते हैं तो खाने की भी कोई लिमिट नहीं होती है. हमारी मन पंसद चीजें घर बैठे ही मिल जाती है. इससे वजन भी बढ़ जाता है. घर से काम करना आरामदायक जरूर है, लेकिन यह कई तरह के नुकसान भी है.


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