आजकल ज्यादातर महिलाएं हार्मोनल इनबैलेंस से गुजर रही हैं. शरीर में हार्मोनल इनबैलेंस के कारण कई सारी बीमारियां अपना घर बना लेती है. जैसे- थकान, बाल झड़ना, पीरियड्स, पीसीओडी एंड PCOS आदि. शरीर ठीक से काम करे इसके लिए सबसे जरूरी है कि हार्मोन्स का बैलेंस ठीक ढंग से बना रहे. खासकर महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स के बैलेंस को बनाए रखना बेहद जरूरी होता है.


अगर कोई महिला हमेशा शरीर में एनर्जी की कमी, वजन में उतार-चढ़ाव, मूड स्विंग, नींद की कमी,नींद न आने की परेशानी से जूझ रही हैं तो आप इसे हार्मोनल इनबैलेंस के शुरुआती लक्षण समझ सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महिलाएं अपनी लाइफ में एक न एक बार हार्मोनल इनबैलेंस से गुजरती जरूर हैं. महिलाएं अपनी उम्र में अलग-अलग स्टेज से गुजरती हैं जैसे- प्यूबर्टी, मेंस्ट्रुएशन, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज. इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें लगातार इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 


महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस के शुरुआती लक्षण


मेंस्ट्रुएशन पैटर्न


इर्रेगुलर पीरियड्स, हेवी ब्लीडिंग और गंभीर प्री मेंस्ट्रुएशन सिंड्रोम हार्मोनल इंबैलेंस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. 


मूड स्विंग्स


यंग जेनरेशन में मूड स्विंग्स आम समस्या है लेकिन अगर यह हद से ज्यादा बढ़ जाए तो फिर समस्या का रूप ले सकती है. जैसे- काफी ज्यादा गुस्सा करना, चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी यह सभी हार्मोनल इनबैलेंस के कारण हो सकती है. 


स्किन की समस्याएं 


चेहरे पर काफी ज्यादा एक्ने ब्रेकआउट्स या पिंपल्स निकलना भी हार्मोनल इनबैलेंस के संकेत हो सकते हैं. त्वचा का रंग और टेक्सचर में बदलाव भी इसके लक्षण है. 


थकान 


अगर आपको बार-बार थकावट और अजीब सा फील हो रहा है तो आप हार्मोनल इनबैलेंस से गुजर रहे हैं. यह थायराइड के भी लक्षण हो सकते हैं. 


वजन का बढ़ना और कम होना


अगर जिम, एक्सरसाइज, योग के तमाम कोशिशों के बावजूद भी वजन नहीं घट रहा है तो आप हार्मोन इनबैलेंस से गुजर रहे हैं. 


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