Myths Vs Facts: प्रेग्नेंसी के दौरान पेट के आकार से लगाया जा सकता है लड़के और लड़की का पता? आज जान लीजिए क्या है सच
Myths Vs Facts: गर्भवती महिला के पेट का आकार देखकर पताया लगाया जा सकता है कि महिला के पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की है?
प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड से डॉक्टर पता कर लेते हैं कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की है या लड़की. भारत में गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग बताना कानूनी अपराध है इसलिए यहां बच्चे के जन्म के बाद ही पता चलता है कि पेट में पल रहा बच्चा लड़का या लड़की है. लेकिन इसके अलावा दिलचस्प बात यह है कि जब बच्चा मां के गर्भ में रहता है तो उसके जेंडर को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं घर की बड़ी-बुजुर्ग दादी, नानी, आंटी, फुआ यहां तक कह देती हैं कि शरीर पर दिखाई देने वाले लक्षणों से आसानी से बताया जा सकता है कि पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की है. सिर्फ इतना ही नहीं पेट का आकार गोल दिख रहा है तो लड़का और लंबा दिख रहा है तो लड़की है. ऐसी बातें भी कही जाती है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सच में पेट के आकार को देखकर पता लगाना आसान है?
दरअसल, एबीपी लाइव हिंदी ने 'मिथ vs फैक्ट्स' को लेकर एक सीरिज शुरू किया है. इस सीरिज के जरिए प्रेग्नेंसी को लेकर समाज में जितने भी मिथ है. जिसे लोग सच समझकर फॉलो करते हैं हम उनका लॉजिकल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.
'मिथ vs फैक्ट्स' सीरिज में हम ऐसे मुद्दों को उठाते हैं. उसके तह तक जाने की कोशिश करते हैं. जिससे अक्सर बोलचाल की भाषा में लोग इस्तेमाल करते हैं. जैसे हमारे समाज में प्रेग्नेंसी को लेकर कई सारी ऐसी बातें है जिसे डॉक्टर मिथ मानती है. इस Myth VS Truth सीरिज के जरिए ऐसी बातों को तथ्य के साथ हम आम जनता के साथ पेश करेंगे. ताकि आप दकियानूसी झूठी बातों के दलदल में न फंसे.
Myth VS Facts: प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला की पेट का आकार बताता है लड़का या लड़की होगा?
अगर गर्भवती महिला का बेबी बंप काफी ऊंचा है तो उसे बेटी होगी. और डाउन की तरफ है तो बेटा होगा लेकिन इस बात में बिल्कुल सच्चाई नहीं है यह पूरी तरह से मिथ है. दरअसल, अगर आपका शारीरिक गठन सुडौल नहीं होता तो प्रेग्नेंसी के कारण पेट की मसल्स, शरीर का आकार और गर्भवस्था के दौरान आपका वजन बढ़ने लगता है. यही सब बातों के कारण बेबी बंप की ऊंचाई निर्धारित होती है. इसलिए इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है.
मॉर्निंग सिकनेस और गर्भधारण से पहले के तनाव का मतलब यह हो सकता है कि महिला को लड़की होने वाली है. लेकिन रिसर्च कहते हैं कि मॉर्निंग सिकनेस लड़का या लड़की को नहीं बल्कि हर व्यक्ति के शरीर की ताकत अलग-अलग होती है. हर महिला की प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी अलग तरह से रिएक्ट करती है.यह बच्चे के लिंग को नहीं दर्शाती है. बच्चे के लिंग का निर्धारण करने का सबसे उपयोगी तरीका 20-सप्ताह के अल्ट्रासाउंड है. जिसमें आपको डॉक्टर को पता चल जाता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: Myth vs Facts: क्या सिर्फ स्मोकिंग से होता है लंग कैंसर? कम उम्र में नहीं होती बीमारी, जानें क्या है हकीकत
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )