सुपर फूड्स को ऐसे फूड्स के तौर पर परिभाषित किया जाता है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, फैटी एसिड भरपूर हो. एंटीऑक्सीडेंट्स में कैंसर के खिलाफ सुरक्षात्मक गुण समझा जाता है. फाइबर डायबिटीज और पाचन समस्याओं को रोकने के लिए जाना जाता है. फाइटो केमिकल्स गहरा और गंध पैदा करनेवाले प्लांट्स के केमिकल्स हैं और कई फायदे होते हैं. कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्लांट बेस्ड डाइट का रुख करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये जिंदगी का विस्तार करने, पर्यावरण की सुरक्षा करने और बीमारी के जोखिम कम करने का प्रभावी तरीका है.


इसलिए, डाइट की पोषण और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका हो जाती है, विशेषकर जब महामारी जारी है. जड़ी बूटी आहार में सब्जी, फल, साबुत अनाज, सीड्स, जडी बूटी, कम से कम प्रोसेस्ड मसाला शामिल होता है और रेड मीट, पोल्ट्री, मछली, अंडा और डेयरी समेत एनिमल प्रोडक्ट्स नहीं होता है. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सुपर फूड्स की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है. उसका मात्र यही मतलब है कि ये एक फूड है जो जरूरी पोषक तत्वों का उच्च लेवल उपलब्ध कराता है और बीमारियों की रोकथाम और व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ाने से संबंधित होता है. 


महिला और पुरुषों के लिए सुपर फूड्स फर्टिलिटी फूड्स
फर्टिलिटी विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में बांझपन के मामले बढ़ रहे हैं और ये सिर्फ महिलाओं के साथ खास नहीं है. प्रेग्नेंट होने के लिए पुरुषों की स्पर्म की क्वॉलिटी बेहतर होने के साथ महिलाओं की ओवरीज से निकलने वाले एग्स भी हेल्दी होने चाहिए. उनका मानना है कि संतुलित डाइट खाने का फर्टिलिटी पर अहम प्रभाव हो सकता है. संतुलित, विटामिन और पोषण से भरपूर डाइट एग्स और स्पर्म क्वालिटी को सुधारने में मदद कर सकते हैं. अगर कोई कपल बच्चे की प्लानिंग कर रहा है और पैरंट्स बनना चाहता है तो उनको लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने चाहिए. मिसाल के तौर पर तनाव एग्स को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर ओमेगा-3 और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे विटामिन सी मदद कर सकते हैं. उसी तरह, फोलिक एसिड एक जरूरी विटामिन है जो भ्रूण संबंधी असमानताएं से बचने में मदद करता है. 


हरी पत्ती वाली सब्जियां- ये विटामिन सी और फोलिक एसिड में भरपूर होती हैं. दोनों पोषक तत्व ओवुलेशन प्रक्रिया में मदद करते हैं. ये मिसकैरेज का जोखिम कम करता है. सबसे अच्छे फायदों के लिए पालक, ब्रोकोली, मेथी को अपनी डाइट में शामिल करें. हरी सब्जियां हाई क्वालिटी का स्पर्म के उत्पादन में मदद करने के लिए जानी गई हैं.


नट्स और मेवा- नट्स और मेवा प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स का महत्वपूर्ण स्रोत हैं. अखरोट में बहुत ज्यादा सेलेनियम होता है जो एग्स में क्रोमोसाम संबंधी क्षति को कम कर सकता है. ये फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करेगा क्योंकि सेलेनियम की मौजूदगी क्षति को कम करेगी. ये एंटीऑक्सीडेंट दाखिल होने से फ्री रेडिकल्स को रोकता है और शरीर में एग उत्पादन को सुधारता है. 


केला- केला विटामिन बी6 में अधिक होता है. ये जयगोट निर्माण में ओव्यूलेशन प्रक्रिया में शामिल हार्मोन्स को ठीक कर मदद करता है. उसमें पोटैशियम और विटामिन सी की भी शानदार मात्रा होती है. पोटैशियम और विटामिन बी6 की कमी के नतीजे में एग और स्पर्म की क्वालिटी खराब होती है. इसलिए, पैरेंट्स बनने की प्लानिंग कर रहे कपल को चाहिए अपने ब्रेकफास्ट में केला को शामिल करें.


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