न्यूयॉर्क: कार्निया की मोटाई को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार एक प्रोटीन की कमी की वजह से आई डिजीज़ का खतरा पैदा हो सकता है. ग्लूकोमा (मोतियाबिंदु) में आई डिजीज़ के कई विकार शामिल होते हैं, जो आंख पर दबाव बढ़ाते हैं और आंखों संबंधी नसों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे आगे चलकर ब्लाइंडनेस हो सकती है. हाल ही में आई रिसर्च में ये बात सामने आई है.
क्या कहती है रिसर्च-
इस शोध को चूहों पर किया गया है. इसमें पाया गया कि चूहों के जीन के आनुवांशिक विभिन्नता में जो प्रोटीन पीओयू6एफ2 के लिए कोड करता है, वह आंख की संरचना पर असर डाल सकता है और व्यक्ति में ग्लूकोमा का खतरा बढ़ा सकता है.
रिसर्च के नतीजे-
शोधकर्ताओं ने जब पीओयू6एफ2 के वाहक जीन को हटा दिया तो प्रभावित चूहों में सामान्य चूहों के मुकाबले कार्निया पतली पाई गई.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि बहुत से जीन का जटिल मिश्रण और बदलाव साथ ही साथ पर्यावरण संबंधी स्थितियां ग्लूकोमा के लिए जिम्मेदार होती हैं. यह पतली कार्निया का सबसे आम जोखिम कारक है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
अमेरिका के अटलांटा के इमोरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एल्डान ई. गेईसर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मध्य कार्निया की मोटाई और मोतियाबिंद के बीच संबंध को परिभाषित करने से हमें ग्लूकोमा के जल्दी पहचान में सहायता मिलेगी और इससे बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकेगा.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.