कुछ की आंखें भूरी और काली, तो कुछ की नीली क्यों? जानिए आंखों के अलग-अलग रंग होने के पीछे का साइंस
कई बार हमारे दिमाग में यह सवाल उठता है कि आखिर इस अलग रंग के पीछे की वजह क्या है? क्या अलग आंखों का रंग होना खूबसूरती की निशानी है? ऐसे ही सवाल अगर आपके मन में भी उठते हैं तो इसका जवाब यहां जान लीजिए
![कुछ की आंखें भूरी और काली, तो कुछ की नीली क्यों? जानिए आंखों के अलग-अलग रंग होने के पीछे का साइंस This is the science behind people have different colored eyes कुछ की आंखें भूरी और काली, तो कुछ की नीली क्यों? जानिए आंखों के अलग-अलग रंग होने के पीछे का साइंस](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/15/f088991d6bd3fd4b280a53bb8751547a1668501867382603_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Eye Color: ये ह्यूमन नेचर है कि जब भी हम किसी से पहली बार मिलते हैं तो सबसे पहले आई कांटेक्ट होता है. जब आई कांटेक्ट होता है तो सबसे पहली नजर आंखों के रंग पर जाती है. अमूमन तो वैसे सभी की आंखें या तो काली या तो भूरी होती है लेकिन कुछ ऐसे भी लोगों से हम मिलते हैं जिनकी आंखों का रंग सबसे अलग होता है जैसे हरी, नीली, कंजी आंख वाले होते हैं. कई बार इन यूनिक आंखों के रंग वालों से हम आकर्षित होते हैं, तो कई बार हमारे दिमाग में यह सवाल उठता है कि आखिर इस अलग रंग के पीछे की वजह क्या है? क्या अलग आंखों का रंग होना खूबसूरती की निशानी है? वगैरा वगैरा कई सवाल हमारे दिमाग में उठने लगते हैं. कई बार तो हम यह भी सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि आखिर हमारी आंखों का रंग इतना यूनीक क्यों नहीं है. ऐसे ही सवाल अगर आपके मन में भी उठते हैं तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इसका जवाब जरूर देंगे,की आंखों के अलग अलग रंग होने की पीछे की वजह क्या है?
इस वजह से आंखो का रंग होता है अलग- अलग
दरअसल हमारी आंखों के रंग का संबंध हमारे जींस से जुड़ा होता है. हमारी आंखों का रंग असल में हमारे पुतली में मेलानिन की मात्रा के मुताबिक तय होता है. इसके अलावा प्रोटीन का घनत्व और आसपास पहले उजाले पर भी आंखों का रंग निर्भर करता है. अगर शरीर में मेलानिन कम हो तो आंखों का रंग हरा या नीला होता है। जबकि मेलानिन की मात्रा अधिक होने पर आंखों का रंग भूरा या काला होता है.
आंखों के अलग रंग के लिए ये जीन्स होते हैं जिम्मेदार
आंखों के रंग के लिए दो प्रमुख जीन जिम्मेदार होते हैं और वो हैं OCA2 और HERC2. यह दोनों ही क्रोमोसोम 15 में मौजूद होते हैं. HERC2 नीली आंखों के लिए एक हद तक जिम्मेदार माना जाता है जबकि OCA2 नीली और हरी आंखों से जुड़ा होता है. माना जाता है कि नीली आंखों वाले लोगों के पूर्वज एक ही है करीब 6 हजार से 10 हजार साल पहले इंसानी जीन में हुए एक बदलाव के चलते लोगों की आंखों का रंग नीला हो गया था.
दुनिया में सबसे ज्यादा भूरे रंग की आंखों की आबादी
एक रिपोर्ट के मुताबिक 79 फ़ीसदी आबादी के पास भूरे रंग की आंखें हैं जो सबसे आम आंखों का रंग माना जाता है भूरे रंग के बाद दुनिया के 8 से 10 फ़ीसदी लोगों के पास नीली आंखें हैं. इसके पीछे की वजह है कि सबसे ज्यादा लोगों में ऐसे डिवेलप करने वाले जीन मौजूद होते हैं 5 फ़ीसदी हेजल रंग की आंखों वाले लोग शामिल हैं.वहीं नीले रंग की आंखों वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे कम होती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक जीवन के शुरुआती दौर में हमारी आंखों का रंग काफी तेजी से बदल सकता है. कई बार ऐसा होता है कि बच्चे नीली आंखे लेकर पैदा होते हैं, लेकिन बाद में आंखों का रंग भूरा हो जाता है.
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