Disease Detection Machine : आमतौर पर शरीर में किसी बीमारी का पता तब लग पाता है जब बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं. कई बार कुछ खास बीमारियों के लक्षण देर से दिखते हैं और देर से पहचान होने के कारण मरीज का सही इलाज नहीं हो पाता. लेकिन अब मेडिकल के क्षेत्र में एक ऐसी मशीन आ गई है जो कुछ ही देर में शरीर के किसी भी हिस्से में छिपी बीमारी (Disease diagnose) को खोज कर बता देगी. जी हां स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में इसे क्रांति ही कहा जा रहा है.


आईआईटी दिल्ली (Delhi IIT)ने इस छोटी सी मशीन को बनाया है और इसकी मदद से करीब एक घंटे में मरीज के शरीर में छिपी बीमारी (Disease Detection) का पता चल सकेगा. चलिए इस बारे में जानते हैं.


दिल्ली आईआईटी के छात्रों ने बनाई है मशीन
आपको बता दें कि इस छोटी सी मशीन को आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने बनाया गया है. दिल्ली आईआईटी के प्रोफेसर जोसेफ की टीम इस मशीन को डेवलप किया है और जल्द ही ये मशीन देश के बड़े बड़े अस्पतालों में दिखाई देगी. इस मशीन का नाम है फोटोनिक चिप आधारित स्पेक्ट्रोमेट्रिक बायो सेंसर. देखा जाए तो ये मशीन दिखने में  बहुत छोटी है लेकिन ये किसी भी बीमारी की स्टेज तुरंत बता सकती है.


प्रोफेसर जोसेफ ने कहा कि चिप बेस्ड तकनीक पर बनी ये मशीन कुछ ही समय में शरीर में छिपी बीमारी और उसकी सही स्टेज का हाल बता देगी. आमतौर पर अस्पताल में किसी बीमारी की जांच और उसकी स्टेज को पता करने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है. कहीं कहीं इसमें और ज्यादा समय लगता है. आपको बता दे कि इस मशीन को बनाने में पूरे दस साल लगे हैं और इसे बनाने में सरकार की तरफ से फाइनेंशियल मदद की गई है.


महज एक घंटे में बीमारी का पता देगी मशीन 
प्रोफेसर जोसेफ ने कहा कि इस मशीन की मदद से मरीज का समय और पैसा दोनों ही बचेगा. उन्होंने कहा कि इस मशीन की मदद से एक घंटे में पता चल जाएगा कि बीमारी खून, लंग या किडनी में कितनी फैल चुकी है. उन्होंने कहा कि ये मशीन सभी तरह की बीमारी का हाल नहीं बता सकती, फिलहाल ये कुछ खास बीमारियों को डिटेक्ट करने के लिए बनाई गई है.


लेकिन आगे जाकर हर बीमारी को डिटेक्ट करने के फीचर भी इसमें डाले जाएंगे. उन्होंने बताया कि मुंबई में एक स्टार्टअप मेडिकल कंपनी ने इस मशीन को लिया है और वो इस पर काम कर रही है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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