कोविड वैक्सीन अगर इस साल आ जाती है तो चार में से तीन युवा इस्तेमाल करेंगे. Ipsos MORI के सर्वे में खुलासा हुआ है. सर्वे को विश्व आर्थिक मंच की तरफ से कराया गया था. कोविड वैक्सीन के बारे में राय जानने के लिए 27 देशों के 20 हजार युवाओं को शामिल किया गया. वैक्सीन के प्रति विश्वास जतानेवालों में भारत को तीसरे नंबर पर रखा गया है.
कोविड वैक्सीन इस्तेमाल करने पर सर्वे
74 फीसद लोगों ने वैक्सीन तैयार होने की सूरत में इस्तेमाल करने पर रजामंदी जाहिर की. जबकि 59 फीसद लोगों ने कहा कि इस साल के अंत तक वैक्सीन सामने आने की उन्हें उम्मीद नहीं है. वैक्सीन के प्रति निराशावादी लोगों में 56 फीसद ने वैक्सीन से होनेवाले साइड इफेक्ट्स पर चिंता जाहिर की.
सर्वे में शामिल 29 फीसद लोगों में वैक्सीन के असरदार होने पर अविश्वास जताया. वैक्सीन इस्तेमाल करने वालों में 37 फीसद ने मजबूती से रजामंदी जाहिर की जबकि 37 फीसद ने अपनी रजामंदी को किसी हद तक बताया. सर्वे से खुलासा हुआ कि वैक्सीन के प्रति रजामंदी जाहिर करनेवालों की संख्या उन लोगों से ज्यादा है जिन्हें वैक्सीन के प्रभावी होने पर शक है. वैक्सीन में विश्वास जतानेवाले युवाओं की संख्या चीन में सबसे ज्यादा है. उन्हें सर्वे में 97 फीसद के साथ पहले नंबर रखा गया है. जबकि ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया ने 88-88 फीसद के साथ दूसरे पायदान पर जगह बनाने में सफलता हासिल की.
भारत में 87 फीसद युवाओं को विश्वास
तीसरे नंबर पर भारत में 87 फीसद युवाओं ने वैक्सीन के प्रति विश्वास जताया. रूस, पोलैंड, हंगरी और फ्रांस के युवावैक्सीन विकसित होने पर भी उसके इस्तेमाल नहीं करने की बात कही. वैक्सीन इस्तेमाल नहीं करनेवालों का वैश्विक औसत 56 फीसद रहा है. इसके पीछे कोविड वैक्सीन के प्रभावी होने पर उनका शक है. Ipsos ने 24 जुलाई से 7 अगस्त के बीच सर्वे को किया था.
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