नई दिल्लीः हाल ही में मुंबई के एक अस्पताल के एमआरआई कक्ष में लिक्विड आक्सीजन सिलेंडर के साथ गए व्यक्ति राजेश मारू (32) की मौत हो गई क्योंकि एमआरआई मशीन ने उसे सिलेंडर सहित खींच लिया और उसने सिलेंडर से लीक हुई गैस सांस से अंदर ले ली. इससे पहले भी एमआरआई मशीन में जांच करवाने गए एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि एमआरआई करवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आप किसी भी अनहोनी को होने से टाल सके.
समय से पहले पहुंचेँ-
आपको तय समय से पहले पहुंचना चाहिए ताकि आप डॉक्टर से बात कर सकें. अपनी परेशानियों, बीमारियों, डर या दवाओं के बारे में डॉक्टर से बात कर सकें.
धातु की चीजें ना लेकर जाएं-
एमआरआई के दौरान जिन दो लोगों की मौत हो चुकी है उसका कारण धातु ही बताया गया. दरअसल, एमआरआई मशीन से धातु की चीजें चिपक जाती हैं. ऐसे में आपको कोई भी धातु की चीजें जैसे- सभी तरह की ज्वैलरी, मोबाइल, आई ग्लासेज, हेयरपिन, घड़ी, हियरिंग ऐड, विग, अंडरवायर ब्रा, ब्रेसेस या कोई भी ऐसी धातु की चीज जो आपने आर्टिफिशियली लगवाई हो, ना लेकर जाएं. यहां तक की मेटल इंप्लांट के बारे में भी डॉक्टर को बताएं.
मेडिकल हिस्ट्री सही बताएं-
एमआरआई से पहले आपसे कुछ पेपर वर्क भी करवाया जाता है जिसमें डॉक्टर आपका नाम और आयु के अलावा आपसे मेडिकल हिस्ट्री और दवाओं के बारे में पूछता है. इन डॉक्यूमेंट्स को अच्छी तरह से पढ़कर ही जवाब देना चाहिए. अगर आपको कुछ समझ नहीं आए तो डॉक्टर से पूछ लें.
इस पेपर वर्क में आपसे एलर्जी और इमेजिंग प्रक्रियाओं में प्रयुक्त सामग्रियों के विपरीत आपकी एलर्जिक रिएक्शन के बारे में भी पूछा जाता है. दरअसल, एमआरआई के दौरान गैडोलीनियम (gadolinium) नामक एलर्जी होने पर इंजेक्शन भी दिए जाते हैं ताकि एमआरआई में कोई दिक्कत ना आएं
डॉक्टर के दिशानिर्देशों का पालन करें-
जब पेपरवर्क पूरा हो जाता है तो डॉक्टर ड्रेस चेंज करने से लेकर एमआरआई मशीन के समय और बाकी चीजों के बारे में बताता है. आपको ध्यान से डॉक्टर के सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के बारे में बताएं-
यदि आप गर्भवती हैं तो एमआरआई से पहले डॉक्टर को जरूर बताएं. इतना ही नहीं, गर्भवती होने पर आप एमआरआई करवाने वाले व्यक्ति के साथ भी अंदर ना जाएं. इसी तरह से किडनी प्रॉब्लम, डायबिटीज की हिस्ट्री और आयोडीन से होने वाली एलर्जी के बारे में भी डॉक्टर को जरूर बताएं.
एमआरआई मशीन-
एमआरआई एक बड़ी ट्यूब होती है जिसके सेंटर में बड़ा सा होल होता है. व्यक्ति को एक मूविंग टेबल पर लेटाया जाता है जो कि ट्यूब के अंदर आसानी से स्लाइड कर सके. दूसरे कमरे में टेक्नोलॉजिस्ट आपको मॉनिटर करते हैं.
मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो वेव्स आपके शरीर के अंदर की रीडिंग मॉनिटर पर दिखाती है. एमआरआई आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर, पुरानी स्थितियों और अन्य असामान्यताओं जैसी चीजों का पता लगाने में इस्तेमाल किया जाता है. ये प्रक्रिया दर्द रहित है.
एमआरआई मशीन प्रक्रिया के दौरान बहुत शोर करती है. इसलिए मरीज के साथ आए लोगों को अंदर ना आने की सलाह दी जाती है. साथ ही मरीज को इयरप्लग लाने की सलाह दी जाती है. एमआरआई तकरीबन 1 घंटे तक होती है. कई सिचुएशंस में ये टाइम घट और बढ़ भी सकता है.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.