एसिडिटी और कब्ज से हैं परेशान तो तुरंत लाइफस्टाइल में करें यह बदलाव, 2 दिन में दिखेगा रिजल्ट
त्योहारों के मौके पर लोग ज़्यादा खाने से परहेज़ नहीं करते, जिससे शरीर में पाचन संबंधी समस्याएं होने का ख़तरा बढ़ जाता है. लाइफस्टाइल में खास सुधार करके इन परेशानियों से बचा जा सकता है.
एसिड रिफ्लक्स को कम करने और पाचन में सुधार करने के लिए अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ खास सुधार करें. त्योहारों के मौके पर लोग ज़्यादा खाने से परहेज़ नहीं करते, जिससे शरीर में पाचन संबंधी समस्याएं होने का ख़तरा बढ़ जाता है. दरअसल, खाने के अलावा कई तरह की लाइफस्टाइल संबंधी ग़लतिया भी पेट फूलने, पेट दर्द, अपच और कब्ज की समस्या को बढ़ाती हैं. इसी तरह एसिडिटी की समस्या भी बनी रहती है. बार-बार तला-भुना और मीठा खाने से पेट में एसिड बनने लगता है, जिससे एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है. जो लोग पहले से ही इस समस्या से पीड़ित हैं. उन्हें बार-बार एसिडिटी का सामना करना पड़ता है. त्योहारों के मौसम के बाद एसिडिटी को नियंत्रित करने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में यह खास बदलाव करें.
एसिडिटी क्यों होती है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, पेट में मौजूद एसिड बेहद अम्लीय होता है. यह तत्व भोजन को पचाने और शरीर में उसके अवशोषण में मददगार साबित होता है. इसकी मदद से शरीर को पोषण मिलता है और एंजाइम भी बनने लगते हैं। लेकिन पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने से एसिड रिफ्लक्स और अल्सर का खतरा बढ़ जाता है. इसका असर भोजन को पचाने की क्षमता पर भी दिखने लगता है.
एसिडिटी को कंट्रोल और पाचन को बेहतर बनाने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
भोजन की मात्रा कम रखें: ज्यादा खाने से बचें और हर कुछ मिनट में थोड़ी मात्रा में खाना खाएं. एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए 3 से 4 घंटे के अंतराल पर भोजन करें. इसके अलावा, रात को देर से खाने से भी बचना चाहिए. दरअसल, खाने के बाद सोने से भी एसिडिटी बढ़ती है.
हेल्दी डाइट लें: शरीर को किसी भी तरह की पाचन समस्या से बचाने के लिए डाइट में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें. इसके अलावा ऑयली और प्रोसेस्ड फूड की मात्रा कम करें और साबुत अनाज, दालें और बीज और नट्स से भोजन को हेल्दी बनाएं. फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से कब्ज और एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है.
ढेर सारा पानी पिएं: कार्बोनेटेड पेय पदार्थ और कैफीन की जगह खूब पानी पिएं। इससे पेट में एसिड बनने से रोका जा सकता है. इससे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा, क्षारीय पानी का सेवन पाचन को बढ़ावा देता है और शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है.
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खाने को अच्छे से चबाएं: जो लोग जल्दबाजी में खाते हैं, उनके पेट में खाने के अलावा गैस जमा होने लगती है, जिससे एसिडिटी होती है. ऐसे में खाने को अच्छे से चबाएं ताकि पाचक रस भोजन के अवशोषण में मदद कर सकें.
वर्कआउट रूटीन फॉलो करें: रोजाना एक्सरसाइज करें. यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है. सुबह उठने के बाद कुछ देर मेडिटेशन करने के अलावा कार्डियो एक्सरसाइज भी करें. इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और शरीर एक्टिव रहता है. फिजिकली एक्टिव रहें. यह शरीर के लिए सही है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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