लिपिड नेनोपार्टिकल से रोगग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने में मिलेगी सफलता, बदल जायेगी भविष्य की दवा
वैज्ञानिकों ने लिपिड नेनोपार्टिकल की खोज की है, एक खास बात और है कि इस नवीन खोज से दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों को दूर किया जा सकेगा.
नई दिल्लीः पानी में कम घुलनशील दवाओं को प्रभावी बनाने की दिशा में लिपिड नेनोपार्टिकल की भूमिका आने वाले समय में महत्वपूर्ण हो सकती है. देश और विदेश के विज्ञानी इस तकनीक निरंतर पर काम कर रहे हैं. सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में रोग होने पर दी जाने वाली दवाओं का रंगरूप बदल सकता है. लिपिड नेनोपार्टिकल तकनीक के इजाद होने से कैंसर और एडस जैसे गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलेगी.
जब कभी हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर कई तरह की गोलियां खाने के लिए देते हैं. शरीर मे दौड़ने वाले रक्त में 60 प्रतिशत पानी होता है और दवा पानी में घुलनशील होती है. बीमारी में दी जाने वाली दवा कितनी कारगर या असरदार है ये उस दवा की पानी में घुलनशीलता पर निर्भर करती है, क्योंकि जब तक दवा की पानी में घुलनशीलता अधिक नहीं होगी तबतक शरीर की रोग ग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करना मुश्किल होता है.
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इस मुश्किल से निपटने के लिए ही वैज्ञानिकों ने लिपिड नेनोपार्टिकल की खोज की है. वहीं एक खास बात और है कि इस नवीन खोज से दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों को दूर किया जा सकेगा. जोकि आज एक बड़ी समस्या के तौर पर देखा जा रहा है. शोध करने वालों का दावा है कि लिपिड नेनोपार्टिकल की खोज के बाद कम घुलनशील दवाओं को कोशिकाओं तक पहुंचाने के लिए रासायनिक योगात्मक पदार्थ मिलाए जाने की संभावना समाप्त हो जाएगी साथ ही दवाओं के साइड इफेक्ट से भी बचा जा सकेगा. इससे महंगे इलाज से भी छुटकारा मिल जाएगा. क्योंकि दवाओं को बनाने का खर्च भी कम हो जाएगा. जिससे गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को फायदा होगा.
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