विश्व हृदय दिवस: बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के खतरे, एक्सपर्ट्स की शाकाहार अपनाने की सलाह
डाक्टरों का कहना है कि खराब जीवनशैली, खानपान में असंतुलन और शारीरिक गतिविधियों की कमी कम उम्र में हृदयरोगों के खतरों को बढ़ा रही है. इसके लिए वे संतुलित आहार, व्यायाम को जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं.
नई दिल्ली: आज विश्व हृदय दिवस है. अक्सर ऐसा बताया जाता है कि शरीर में कोलेस्टॅाल का स्तर बढने से हृदय रोगों की आशंका अधिक होती है. हालांकि स्वास्थ्य के जानकारों के मुताबिक एचडीएल के रूप में हमारे अंदर 'अच्छा' कोलेस्ट्रॅाल भी होता है जिसका सही स्तर बनाये रखना जरूरी है. इसके लिए वे मांसाहार की तुलना में कम वसायुक्त शाकाहार को ज्यादा फायदेमंद बताते हैं.
डाक्टरों का कहना है कि खराब जीवनशैली, खानपान में असंतुलन और शारीरिक गतिविधियों की कमी कम उम्र में हृदयरोगों के खतरों को बढ़ा रही है. इसके लिए वे संतुलित आहार, व्यायाम को जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं.
विश्व हृदय दिवस (29 सितंबर) के मौके पर देश के प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप मिश्रा ने बताया कि एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॅाल माना जाता है क्योंकि यह खून का प्रवाह करने वाली धमनियों (आर्टरी) की दीवार से नुकसानदेह वसा तत्वों को बाहर करता है और इस तरह आथरोस्क्लेरोसिस से बचाता है. आथरोस्क्लेरोसिस से दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है. नियमित शारीरिक व्यायम और खानपान में सुधार से इसे सही रखा जा सकता है.
राजधानी स्थित फोर्टिस-सीडॉक अस्पताल के चेयरमैन डा मिश्रा ने कहा कि शाकाहारी लोग आमतौर पर हरी सब्जियां, फल और सूखे मेवे खाते हैं जिससे उनके शरीर में सेचुरेटिड फैट यानी संतृप्त वसा की मात्रा कम होती है. फाइबर, प्रोटीन आदि होने की वजह से ये आहार फायदेमंद होते हैं और खराब कोलेस्ट्रॅाल को कम करते हैं. दूसरी तरफ मांसाहार में अत्यधिक वसा और कोलेस्ट्रॅाल होता है जो आथरोस्क्लेरोसिस के खतरे को बढाता है.
गुडगांव स्थित मेदांता मेडिसिटी में डीजीएम-डायटिक्स डॉक्टर काजल पांड्या येप्थो ने कहा कि हम दिन भर में जो भी कोलेस्ट्रॉल अपने शरीर में लेते हैं, हमें नियमित व्यायाम के जरिये उसकी मात्रा को नियंत्रित रखना चाहिए. रोज 30 मिनट व्यायाम और कम से कम तीन किलोमीटर सैर करना मददगार हो सकता है.
शाकाहार से घट सकता है मोटोपा, हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज का खतरा फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजी के निदेशक और कैथ लैब प्रमुख डॉ अतुल माथुर के अनुसार शाकाहार में मीट की तुलना में कम सेचुरेटिड फैट होता है. अध्ययनों में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि शाकाहारी भोजन करने से मोटापा, कोरोनरी आर्टरी की समस्याएं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और यहां तक कि कुछ तरह के कैंसर होने का खतरा कम होता है. मिठाइयों और वसायुक्त आहार का सेवन कम से कम करके, धूम्रपान व शराब को छोडकर और फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है और हृदयरोगों का खतरा कम हो सकता है.
इंडस हेल्थ प्लस के एक ताजा अध्ययन में दिल्लवासियों में 40 से 50 साल की उम्र के 40 फीसदी पुरुष और 38 फीसदी महिलाओं में मधुमेह होने का पता चला जिससे उनको दिल की बीमारी की आशंका ज्यादा हो गयी. इनमें से 20 फीसदी पुरुष और 22 फीसदी महिलाएं मोटापे का भी शिकार थे.
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