Flight Toilet Hygiene: कमर्शियल प्लेन भले ही खूब चमकदार दिखते हों, मगर क्या आप यह जानते हैं कि इनका हाइजीन से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता है? दरअसल ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि साल भर फ्लाइट में काम करने वाले एक्सपर्ट और अटेंडेंट्स का ऐसा कहना है. कई ऑनलाइन आर्टिकल्स बताते हैं कि खिड़की के सहारे सिर रखकर सोने से आपके शरीर पर कई कीटाणुओं और जीवाणुओं का हमला हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपसे पहले भी वहां कई लोग बैठकर गए हैं और हर कोई हाईजीन को लेकर उतना अलर्ट नहीं होता, जितना कि आप होते हैं. कहीं न कहीं किसी न किसी से इस मामले में चूक जरूर हो जाती है. 


क्या फ्लाइट को हर बार साफ नहीं किया जाता? 


यह सवाल कई लोगों के मन आता है कि क्या फ्लाइट को हर उड़ान के बाद साफ नहीं किया जाता. इसके बारे में निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. लेकिन एक बात है जो आपको जान लेनी चाहिए. बैक्टीरिया का सबसे बड़ा हॉट्सपॉट फ्लाइट का वॉशरूम है. भले ही आपको देखने में ये काफी साफ-सुथरे लगें, लेकिन सबसे ज्यादा कीटाणुओं और जीवाणुओं की मौजूदगी इसी जगह पर होती है. 


टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा कि फ्लाइट के टॉयलेट को इस्तेमाल करने का सबसे खराब वक्त टेक-ऑफ और फ्लाइट लैंडिंग से ठीक पहले का है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हीं दोनों समय पर पैसेंजर्स इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. जबकि टॉयलेट का इस्तेमाल करने का सबसे सही वक्त खाना परोसे जाने से ठीक पहले का है. 


फ्लाइट का खाना भी नहीं होता पौष्टिक


पूर्व केबिन क्रू मेंबर ने समझाया कि फ्लाइट का खाना भी पौष्टिक नहीं होता. ये काफी ऑयली और नमक और फैट से भरपूर होता है. खाना ऐसा होता है, जो आंत के स्वास्थ्य या मल त्याग के लिए अच्छा नहीं माना जाता. फ्लाइट का खाना कई बार यात्रियों के मुश्किलें पैदा कर देता है, जिसकी वजह से उन्हें कई बार टायलेट का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है.  टॉयलेट की सफाई के बारे में पूछे जाने पर पूर्व अटेंडेंट ने बताया कि वक्त की कमी के कारण हर बार फ्लाइट की अच्छे से सफाई नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि हर यात्री को टॉयलेट में मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि वे किसी भी संक्रमण से बचे रहें.


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