Deadliest Diseases: दुनिया भर में होने वाली ज्यादातर मौतें इन 10 बीमारियो के कारण ही होती है. इन 10 बीमारियों में सबसे ऊपर है दिल की बीमारी, हार्ट या ब्रेन स्ट्रोक और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारी. इन सब के अलावा क्या आप जानते हैं और कौनी सी बीमारियां हैं जो खतरनाक रूप ले लेती है. जब लोग दुनिया के सबसे खतरनाक बीमारियों के बारे में सोचते हैं तो उनके दिमाग में शायद ही इन बीमारियों का नाम आता होगा. कई ऐसी बीमारी है जिनका कोई इलाज नहीं है लेकिन इस लिस्ट के जरिए हम आपको ऐसी बीमारियों का नाम बताएंगे जिनका इलाज है लेकिन सबसे ज्यादा उसी की वजह से लोग मरते हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाजिशेन के मुताबिक इन बीमारियों से 55.46 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी.
दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों की लिस्ट
इस्केमिक दिल की बीमारी और कोरोनरी आर्टरी संबंधित बीमारी
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD)
दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) है. इसे इस्केमिक दिल की बीमारी भी कहा जाता है, CAD तब होता है जब हृदय को सही मात्रा में ब्लड नहीं मिलती है जितनी मिलनी चाहिए. इस बीमारी में ऐसा होता है कि जो नर्व वेसल्ट हार्ट को ब्लड पहुंचाती है वह सिकुड़ जाती है जिसकी वजह से हार्ट में ब्लड की कमी हो जाती है और सीएडी से सीने में दर्द और दिल की बीमारी संबंधित कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती है.
स्ट्रोक
किसी व्यक्ति को स्ट्रोक तब पड़ता है जब आपके दिमाग के आर्टरी से ब्लड लीक होने लगता है या सही मात्रा में दिमाग में ऑक्सिजन नहीं पहुंचते हैं जिसकी वजह से सेल्स मरने लगते है. स्ट्रोक पड़ने के बाद सुन्न या चलने, उठने औऱ देखने में परेशानी हो सकती है. इससे आप अपाहिज भी हो सकते हैं. किसी व्यक्ति को अगर स्ट्रोक आया है और उसे तीन घंटे के अंदर इलाज मिल जाए तो वह विकलांग होने से बच जाएगा.
रेस्पिरेटरी सिस्टम में इंफेक्शन
सांस लेने में दिक्कत या रेस्पिरेटरी सिस्टम या फेफड़ों में इंफेक्शन के कई कारण हो सकते हैं.
इन्फ्लूएंजा, या फ्लू
निमोनिया
ब्रोंकाइटिस
तपेदिक टीबी
हालांकि वायरस आमतौर पर सांस की नली में इंफेक्शन के कारण होते हैं ऑक्सीजन का ठीक मात्रा में नली में नहीं जाना. वे बैक्टीरिया के कारण भी हो सकते हैं.
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) बीमारी ऐसी है जो काफी टाइम तक मरीज को बीमार करके रखता है. यह बीमारी फेफड़ों में इंफेक्शन फैलने के कारण होता है जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस COPD के प्रकार है.
ट्रेकिआ, ब्रोन्कस और फेफड़ों का कैंसर
धूम्रपान और सेकेंडहैंड धूम्रपान करने से सांस की रेस्पिरेटरी सिस्टम या फेफड़ों संबंधी कैंसर होना का खतरा रहता है. या घरेलू पॉल्यूशन भी हो सकता है. साल 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल इस कैंसर के लगभग 18 मिलियन मरीज में इजाफा होता हैं. साथ ही इसमें 100 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है. पॉल्यूशन औऱ धूम्रपान के कारण रेस्पिरेटरी सिस्टम और लंग्स संबंधित कैंसर में हर साल 81 से 100 प्रतिशत हर साल बढ़ोतरी हो रही है.
डायबिटीज
पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीज की संख्या काफी ज्यादा है. ये ऐसे मरीज हैं जिन्हें रोजाना इंसुलिन भी लेना पड़ता है. टाइप 1 के डायबिटीज वाले मरीज को ऑटोइम्यून भी कहा जाता है. टाइप 2 में डायबिटीज होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब डाइट, एक्सरसाइज नहीं करना.
अल्जाइमर
अल्जाइमर बीमारी एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी इंसान की सोचने की शक्ति नष्ट कर देती है. यह धीरे-धीरे आपके सोच, तर्क और रोजमर्रा की जिंदगी को काफी ज्यादा प्रभावित करता है, 60 से 70 प्रतिशत अल्जाइमर के मरीज एक भ्रम में जीते हैं उन्हें पिछला कुछ याद नहीं रहता है. आजकल जवान लोगों में भी यह बीमारी देखी गई है अगर इसका समय से इलाज नहीं किया गयो तो.
डिहाइड्रेशन और डायरिया
डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्या आपके पेट खराब होने के साथ शुरू होती है. लगातर दस्त होना डायरिया का संकेत है. इससे आपके शऱीर से धीरे-धीरे नमक और पानी बाहर निकल आता है जिसके बाद आपको कमजोरी होने लगती है. ऐसा लगातार होने से आपका शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है जिससे आपको कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. डायरिया आमतौर पर खराब खाना और गंदा पानी पीने के कारण हो सकता है.
टीबी
टीबी फेफड़ों में इंफेक्शन के कारण होता है. यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. इसका इलाज संभव है लेकिन अगर इस बीमारी का पता आपको शुरुआत में ही लग जाए तब. एचआईवी वालों मरीजों की ज्यादातर मौत टीबी के कारण ही होती है. जिन लोगों को एचआईवी है उन्हें टीवी का संक्रमण फैलने का खतरा 18 प्रतिशत बढ़ जाता है.
सिरोसिस
लिवर की खराबी से सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी जन्म ले सकती है. एक हेल्दी लिवर आपके शरीर के खून फिल्टर करने का काम करती है. साथ ही पूरे शरीर में साफ खून भेजती है. अगर लिवर ही खराब होने लगे को फिर आपका शऱीर भी खराब होने लगता है.