पीरियड्स के वो 5 दिन महिला की जिंदगी का अहम हिस्सा है. हर महिला को 13-15 साल के बीच पीरियड्स शुरू हो जाती है. कुछ महिलाओं को 2-3 दिन ही पीरियड महसूस होता है वहीं कुछ महिलाओं को 5 दिन तक दर्द और पीरियड्स होता है. 


हद से ज्यादा ट्रेवल करने से पीरियड्स पर असर


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खराब लाइफस्टाइल और खानपान का सीधा असर महिलाओं के पीरियड्स पर पड़ता है. इसी कारण पीरियड में दर्द, पेट और कमर दर्द, ऐंठन की समस्या होती है. वैसे तो पीरियड्स को लेकर कई तरह के सवाल अक्सर गूगल पर सर्च किए जाते हैं लेकिन एक सवाल जो अक्सर पूछा जाता है. हम इस आर्टिकल के जरिए उस सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे. 
सवाल यह है कि ट्रैवल का असर पीरियड्स पर पड़ता है?


हेल्थ एक्सपर्ट की राय


इस बारे में जब हमने गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. पल्लवी डागा से खास बातचीत की. इस पर उन्होंने कहा कि हां ट्रैवल करने से पीरियड्स साइकल बिल्कुल प्रभावित होता है. ट्रैवल के दौरान जेट लैग से शरीर के साइकिल में काफी ज्यादा बदलाव होता है. जो ओव्यूलेशन के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन के लेवल में बदलाव करता है. सोने के पैटर्न में बदलाव के कारण पीरियड्स साइकिल में भी काफी ज्यादा बदलाव होते हैं. इसके कारण हार्मोन काफी ज्यादा प्रभावित होता है. इसके कारण स्ट्रेस शरीर में कार्टिसोल के लेवल को बढाता है. जो इंफर्टिलिटी को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकता है. इसके कारण पीरियड्स में कई तरह के बदलाव आते हैं. 


तापमान के कारण प्रभावित होता है पीरियड साइकल


शरीर के टेंपरेचर में बदलाव के कारण पीरियड साइकल काफी ज्यादा प्रभावित होता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब कोई महिला मैदानी, पहाड़ या रेगिस्तानी इलाकों में ट्रैवल करती है तो उसके शरीर के टेंपरेचर में कई तरह के बदलाव होते हैं. पहाड़ी इलाकों में ठंड के कारण शऱीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जिसके कारण पीरियड देरी से आ सकती है.  इससे ऑक्सीजन का लेवल भी काफी ज्यादा प्रभावित हो सकता है. यह शऱीर के अंदर के टेंपरेचर को भी बिगाड़ सकता है. जिसके कारण पीरियड देरी से आ सकते हैं.  डॉक्टर की मानें तो अगर किसी महिला को साल में 1 या 2 बार पीरियड संबंधी परेशानी हो रही है, तो यह एक आम बात है, लेकिन इससे ज्यादा बार पीरियड की परेशानी होने पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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