मध्यप्रदेश में इन दिनों खसरे की बीमारी तेजी से फैल रही है. अब तक इस बीमारी से 2 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं 17 बच्चे संक्रमित हो गए हैं. मध्यप्रदेश के गांवों के सभी स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. खसरा को रूबेला के नाम से भी जाना जाता है. यह संक्रामक बीमारी है जो तेजी से फैलती है. खसरे का वायरस नाक-गले में म्यूकस की तरह भर जाता है. जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. CDC के मुताबिक 7-14 दिनों में इसके लक्षण दिखाई देते हैं. इस बीमारी में स्किन पर हल्के रैशेज आ जाते हैं. यह बीमारी छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है.
खसरा होने पर शरीर में दिखाई देते हैं यह लक्षण
104 डिग्री तक तेज बुखार आना
तेज खांसी आना और बहती हुई नाक
आंखों से पानी आना
काफी ज्यादा दस्त होना
गाल के अंदर छोटे धब्बे
शरीर में गहरे और लाल दाने निकलना
खसरे से कैसे बच सकते हैं?
खसरे से बचने का सबसे बेस्ट तरीका है समय पर इंजेक्शन. अगर फिर भी खसरा हो जाए तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. खसरे के लक्षण तुरंत नहीं दिखाई देते हैं. इसलिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. खसरा एक संक्रमित बीमारी है.
डॉक्टर के पास कब जाएं?
अगर आपको बच्चे का लक्षण देखकर लग रहा है कि जाना चाहिए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जाएं.
अगर गर्भवती महिला के त्वचा पर ऐसे कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो बिना समय गवाएं तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
रूबेला से बचने का सबसे बेस्ट तरीका है वैक्सीन. बच्चों को समय पर वैक्सीन लगवाएं.इसकी दो खुराक दी जाती है. पहला जब बच्चा एक साल का हो जाता है और दूसरा बूस्टर डोज. उसके स्कूल शुरू होने से पहले यानि जब वह तीन साल 4 महीने का हो जाता है तब.