Covid: ऑस्ट्रेलिया की दो तिहाई आबादी कोविड की चपेट में आई, भारत में भी खतरा टला नहीं
केवल कोरोना से कराहने वाला भारत ही अकेला देश नहीं रहा. ऑस्ट्रेलिया की दो तिहाई आबादी इस वायरस की चपेट में आ गई. दो स्टडी की ओर से हाल में कराए गए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है.

Corona Virus: कोविड ने देश ही नहीं दुनिया में कहर बरपाया. ओमीक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट कोरोना का बेहद घातक रूप रहा. भारत में डेल्टा वेरिएंट के घर घर में केस देखने को मिले. हजारों लोगों की जान इसी वेरिएंट ने लील ली. कोविड को लेकर ऑस्ट्रेलिया की स्थिति भी ठीक नहीं सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल में हुए दो सर्वेक्षणों में सामने आया कि 2020 की शुरुआत में महामारी फैलने के बाद से कम से कम दो-तिहाई ऑस्ट्रेलियाई लोगों को कोविड हुआ. इस आंकड़े में बच्चे और किशोर दोनों शामिल हैं. कोरोना के आंकड़ों को लेकर साइंटिस्ट, विशेषज्ञ परेशान हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना आए दिन अपना वेरिएंट बदल रहा है. देश में कोरोना की नई वेव का खतरा टला नहीं है. लोगों को कोविड प्रोटोकॉल फालो करने की जरूरत है.
दो एजेंसियों ने की स्टडी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोविड को लेकर स्टडी दो एजेंसियों ने की. राष्ट्रीय बाल चिकित्सा सेरोसर्वे, बाल चिकित्सा सक्रिय उन्नत रोग निगरानी (पीएईडीएस) नेटवर्क और राष्ट्रीय टीकाकरण अनुसंधान और निगरानी केंद्र (एनसीआईआरएस) ने किया. शोधकर्ताओं ने 0-19 वर्ष की आयु के बच्चों के रक्त के नमूनों में दो प्रकार के एंटीबॉडी का परीक्षण किया. एजेंसियों के अनुसार, नमूना जून और अगस्त 2022 के बीच लिया गया था.
एक नमूने से पुराने इन्फेक्शन को देखा गया, जबकि दूसरे में पिछले संक्रमण और वैक्सीनेशन का असर देखा गया. स्टडी में नतीजा निकाला गया कि एक से चार साल की उम्र के लगभग 79 प्रतिशत बच्चों को कोविड हो गया. जबकि 5 से 11 साल के 67 प्रतिशत बच्चे संक्रमित हो गए. इनमें से अधिकांश को वैक्सीन लगा दी गई थी.
12 से 19 साल के 70 फीसदी बच्चे संक्रमित हुए
ऑस्ट्रेलिया में कम से कम दो-तिहाई बच्चों में कोविड की रिपोर्ट पॉजीटिव आई. जांच नाक और गले से लिए गए स्वैब के आधार पर की गई थी. न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय और किर्बी इंस्टीट्यूट ने व्यस्कों को लेकर भी सर्वे किया. इसमें शोधकर्ताओं ने 5,005 ब्लड सैंपल की जांच की. यह सैंपल 23 अगस्त से 2 सितंबर, 2022 के बीच लिए गए थे. आंकड़ों के अनुसार, कम से कम 65 प्रतिशत वयस्कों में एंटीबॉडी पाए गए. तीन महीने पहले सीरोसर्वे में जो कोविड की रिपोर्ट देखी गई थी. उसके मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली.
प्रोटोकॉल का फालो कर कोविड से बचें
डॉक्टरों ने बताया कि कोविड से बचाव के लिए उसके प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है. लोगों ने दो गज की दूरी, मास्क का प्रयोग, सेनिटाइजर से दूरी बरतनी शुरू कर दी है. इसी कारण लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं. वैक्सीनेशन के कारण वायरस बॉडी पर उतना असर नहीं कर रहा है. लेकिन सावधान रहना जरूरी है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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