विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 28 हजार से 1 लाख 61 टाइफाइड से जुड़ी मौत एक साल में होती है. उसके मुताबिक, बैक्टीरिया जनित बीमारी के सालाना मामले करीब 11 से 21 मिलियन दुनिया भर में दर्ज किए जाते हैं. टाइफाइड का ज्यादातर प्रसार भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका में होता है. ये इलाके पानी की गुणवत्ता और मल स्वच्छता के लिहाज से खराब माने जाते हैं.


क्या हैं टाइफाइड के लक्षण और कारण?


टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है. ये बीमारी पाचन तंत्र में बैक्टीरिया के संक्रमण से होती है. गंदे पानी, संक्रमित जूस या भूजन के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया शरीर के अन्दर आंत में मुंह से दाखिल होता है और करीब 1-3 सप्ताह रहता है. ब्लड से टाइफाइड का बैक्टीरिया अन्य टिश्यू और अंगों तक फैलता है और कोशिकाओं के अंदर छिप जाता है, जिसे आपकी इम्यून कोशिकाओं का पता लगाना मुश्किल हो जाता है. टाइफाइड का उचित इलाज संभव है. हालांकि, उपचार छोड़ने पर ये घातक हो सकता है.


टाइफाइड की संभावित पेचीदगियों में किडनी फेल्योर भी शामिल है. कुछ अनुमान के मुताबिक, करीब 3-5 फीसद टाइफाइड से प्रभावित लोग बैक्टीरिया को फैला सकते हैं. एसिम्पटोमैटिक लोग भी टाइफाइड बैक्टीरिया के वाहक हो सकते हैं. उसके लक्षणों में बुखार, कमजोरी, पेट दर्ज, कब्ज और सिर दर्द शामिल है. बुखार धीरे-धीरे बढ़ते हुए कई दिनों में 104 डिग्री फॉरेनहाइट या 39-40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.


बैक्टीरिया जनित रोग से बचने के उपाय


एंटीबायोटिक्स जैसे सिप्रोफ्लोक्सासिन और सेफ्ट्रियक्सोने आम तौर से टाइफाइड का इलाज करने के लिए लिखा जाता है. दवा का एक अन्य विकल्प एजिथ्रोमाइसिन है जो बैक्टीरिया के विकास को रोकती है. हालांकि, ये प्रेगनेन्ट महिलाओं के लिए नहीं लिखी जाती हैं. WHO टाइफाइड रोकने के लिए दो वैक्सीन की सिफारिश करता है. वैक्सीन का डोज 2 साल से ऊपर के लिए सुझाया जाता है. उच्च जोखिम श्रेणी वाले लोगों को बार-बार खुराक की सलाह दी जाती है.


वैक्सीन के अलावा कुछ अन्य उपाय टाइफाइड दूर करने के लिए किए जा सकते हैं.
हाथ की उचित स्वच्छता का ख्याल रखा जाए. अपने हाथ को बार-बार धोएं, खासकर भोजन खाने से पहले और वाशरूम से बाहर आने के बाद.
गली-नुक्कड़ पर बिकने वाले फूड खाने से परहेज करें. ये टाइफाइड बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थान हो सकते हैं.
सुनिश्चित करें कि आप अपने बर्तन को साफ, गैर दूषित पानी से साफ करें.
गर्म और ताजा भोजन खाएं क्योंकि उच्च तापमान बैक्टीरिया के विकास को रोकता है.
कच्ची सब्जियां और फल खाने और दूषित पानी पीने से परहेज करें.
अपने घरेलू खासकर किचन के सामान को अच्छी तरह से साफ और सैनेटाइज रखें.


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