इंग्लैंड जल्द ही कैंसर के मरीज के इलाज के लिए एक नायाब तरीका निकालने जा रहा है. जिसमें कैंसर के मरीज को 7 मिनट का इंजेक्शन दिया जाएगा. 'ब्रिटेन की सरकारी स्वास्थ्य सेवा' (एनएचएस) दुनिया की पहली ऐसी एजेंसी है जो इस तरह की कैंसर के मरीजों के लिए इंजेक्शन शुरू करने जा रही है. इस इंजेक्शन को शुरू करने के पीछ कारण है इलाज में इतना ज्यादा जो वक्त लगता है उसमें तीन-चौथाई के वक्त की हो सके.
इंजेक्शन से कैंसर का इलाज किया जाएगा
इलाज के इंजेक्शन वाले तरीका को निकालने के पीछे का कारण है हर साल कैंसर से मरने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण. हर साल लाखों लोग इस बीमारी से मर रहे हैं. महिलाओं में ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर की संख्या आए दिन बढ़ रही है तो वहीं पुरुषों में प्रोटेस्टेट कैंसर की संख्या बढ़ रही है. हालांकि कैंसर का पता अगर फर्स्ट स्टेज में चल जाए तो इसका इलाज संभव है. लेकिन इसमें लगने वाला वक्त काफी लंब होता है. हालांकि साइंटिस्ट कैंसर के इलाज के लिए आए दिन कुछ न कुछ प्रयास करते नजर आते हैं.
कम समय में होगा इलाज
ब्रिटिश मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से इस इंजेक्शन को मंजूरी मिल चुकी है. मंजूरी के बाद एनएचएस इंग्लैंड के मुताबिक इम्यूनोथेरेपी, एटेजोलिजुमाब से इलाज कराने वाले कई मरीजों को स्किन के नीचे इंजेक्शन दिया जाएगा. साथ ही कैंसर के इलाज में जो इतना ज्यादा वक्त लगता है इसमें भी कटौती हो सकेगी.
मरीजों की देखभाल में मदद मिलेगी
वेस्ट सफोल्क एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के सलाहकार व ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अलेक्जेंडर मार्टिन के मुताबिक इससे हम दिनभर मरीज को अपने निगरानी में रख सकेंगे.
ऐसे होता है इलाज
एटेजोलिजुमैब, जिसे टेकेंट्रिक भी कहा जाता है. टेकेंट्रिक एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है. जो कैंसर के मरीज की इम्युनिटी को काफी हद तक प्रभावित करता है. यह ड्रिप के जरिए सीधा मरीज के नसों में दिया जाएगा. परेशानी तब होती है जब नसों की पहचान नहीं हो पाती है. मरीजों को ड्रिप लगाने में 30 मिनट या एक घंटे तक का समय लग सकता है.
इस कंपनी ने बनाई है दवा
रोश प्रोडक्ट्स लिमिटेड के मेडिकल डायरेक्टर मारियस शोल्ट्ज के नुताबिक सीधे नस में भेजने में 30 से 60 मिनट नहीं बल्कि 7 मिनट का वक्त लगेगा.