दिल की बीमारी तेजी से फैल रही है. इसके पीछे का कारण प्रोसेस्ड और जंक फूड बताया जा रहा है. बाहर का खाना खाकर लोगों के बीच दिल की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. 'मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन' की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में खाने-पीने के बजट का आधा यानि 50 प्रतिशत बाहर के खाने पर खर्च किया जाता है.
अमेरिकन स्टडी में खुलासा
जो लोग बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं उन्हें अक्सर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा रहता है. बाहर का प्रोसेस्ड फूड, जो सेहत का बड़ा दुश्मन होता है. प्रोसेस्ड फूड खाने से मोटापा-हाई कोलेस्ट्रॉल और हार्ट की बीमारी बढ़ रही है. 'अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' की लेट्सट स्टडी के मुताबिक Unfavorable social factors के कारण हार्ट से जुड़ी बीमारी का कारण बढ़ जाता है.
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ट्राइग्लिसराइड क्या होता है
ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर के खून में मौजूद एक तरह का फैट (लिपिड) है. खाना खाने के दौरान, हमारा शरीर गैरज़रूरी कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है. इससे शरीर की कोशिकाओं में ज़्यादा मात्रा में ट्राइग्लिसराइड्स जमा हो सकती है. ट्राइग्लिसराइड्स शरीर की धमनियों को सख्त करने या धमनी की दीवारों को मोटा करने की वजह से भी बनती है और इस वजह से स्ट्रोक, हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों (Heart Disease) का रिस्क काफी बढ़ जाता है.
सेचुरेटेड फैट के नुकसान
सेचुरेटेड फैट वाली चीजें ट्राइग्लिसराइड के लेवल को तेजी बढ़ा सकती हैं. खाने की तली हुई चीज़ें, रेड मीट, अंडे की जर्दी, डेयरी प्रोडक्ट, मक्खन या फास्ट फूड वगैरह में सेचुरेटेड फैट बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. इन चीजों का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
मीठी चीजें हैं खतरनाक
डायबिटीज के मरीजों को वैसे भी डॉक्टर मीठी चीज़ों से दूर रहने की सलाह देते हैं. लेकिन, डायबिटीज के शिकार लोगों में बहुत ज्यादा मुमकिन है कि मीठी चीज़ें खाने या पीने पर हमारा शरीर तुरंत ही ट्राइग्लिसराइड्स बनाने लगे. ऐसे में मीठी चीज़ों से दूरी बनाना ही बेहतर होता है.
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