पीरियड्स (Periods Cramp) में दर्द या मांसपेशियों में ऐंठन होना आम बात है. यह ज्यादा कम हर महिला या लड़की को होता है. लेकिन अगर किसी महिला या लड़की को पीरियड्स में हर महीने ऐसा दर्द हो रहा है कि वह उनके बर्दाश्त से बाहर है तो ऐसे में पता करना बेहद जरूरी हो जाता है कि आपका दर्द नॉर्मल है या किसी गंभीर बीमारी के संकेत हैं. गंभीर दर्द और शरीर में ऐंठन आपकी खराब पीरियड्स का संकेत दे सकती है. ऐसे में आपके लिए बहुत जरूरी है कि आपकी पीरियड्स हेल्दी है या नहीं यह आपको पता होनी चाहिए.
पीरियड्स में दर्द होना आम बात है लेकिन अगर यह बर्दाश्त से ज्यादा बढ़ जाए तो फिर मुश्किल है
पीरियड्स में दर्द नॉर्मल है लेकिन काफी ज्यादा बॉडी पेन और दर्द से भरा पीरियड्स सामान्य बात नहीं है. हालांकि पीरियड्स में अक्सर ऐंठन और दर्द सही नहीं माना जाता है. काफी ज्यादा दर्द गंभीर बीमारी का संकेत दे सकती है. इसलिए हमने पीरियड्स में होने वाले दर्द के बारे में सबकुछ जानने की जरूरत है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पीरियड्स के दौरान ओवरी यानि अंडे के परत टूट कर निकलते हैं. इस दौरान थोड़ी दिक्कत हो सकती है. हालांकि पीरियड्स में थोड़ा दर्द होना सामान्य बात है. लेकिन ऐसा दर्द जिसके कारण आपको अपना काम या क्लास छोड़ना पड़े तो यह फिर बड़ी मुश्किल की बात है और वक्त रहते इसका इलाज करवाना चाहिए.
पीरियड्स का दर्द एक दिन से ज्यादा होना नॉर्मल नहीं है
उन्होंने कहा कि पीरियड्स के दौरान कुछ दिक्कतें और ऐंठन, जो एक दिन तक रहती है. यह सब नॉर्मल है. हालांकि कोई भी दर्द जो तेज चुभने जैसा महसूस होता है. लेकिन अगर कोई दर्द दो दिन से ज्यादा रहता है और अपनी नॉर्मल लाइफ के काम नहीं कर पा रहे हैं तो यह फिर नॉर्मल बात नहीं है. क्योंकि यह दिक्कतें समय के साथ बढ़ ही सकती है.
पीरियड्स के दौरान दर्द और परेशानी के पीछे कारण
पीरियड्स का दर्द, जिसे डिसमेनोरिया भी कहा जाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं. जो उन व्यक्तियों में होता है जो मासिक धर्म से पहले और उसके दौरान दर्द का अनुभव करते हैं. ऐसे दर्द ज्यादातर गर्भाशय या पैल्विक ऑर्गन में होते हैं. जिसके कारण मासिक धर्म दर्दनाक हो जाता है.
किन कारणों से ज्यादा दर्द होता है
इन स्थितियों में एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय फाइब्रॉएड, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस), पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी), एडेनोमायोसिस या सर्वाइकल स्टेनोसिस शामिल हो सकते हैं. प्रोस्टाग्लैंडीन नामक हार्मोन, जो अस्तर को बाहर निकालने के लिए गर्भाशय में मांसपेशियों के संकुचन को ट्रिगर करता है, दर्द और सूजन का कारण बन सकता है और मासिक धर्म शुरू होने से ठीक पहले इसका स्तर बढ़ जाता है.