Brain Stroke: कितनी तरह का होता है ब्रेन स्ट्रोक? न्यूरोलॉजिस्ट से जानें सभी के बारे में
Health Tips: न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं. इनमें पहला इस्केमिक स्ट्रोक और दूसरा हेमरैगिक स्ट्रोक होता है.
दिमाग को सही तरीके से काम करने के लिए ऑक्सीजन की लगातार सप्लाई और न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है. अगर चंद पलों के लिए भी दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचे तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है. अगर दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाए तो ब्रेन अटैक या ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. स्ट्रोक के कॉमन लक्षण चलने, चीजों को समझने और बात करने में दिक्कत होना है. इसके अलावा पैरालिसिस, चेहरे, पैरों या हाथों का काम न करना भी ब्रेन अटैक या स्ट्रोक के ही लक्षण हैं. आइए न्यूरोलॉजिस्ट के हवाले से आपको बताते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक कितनी तरह का होता है?
न्यूरोलॉजिस्ट ने दी यह जानकारी
फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी के एचओडी डॉ. संजय पांडे ने बताया कि स्ट्रोक आने पर इंसान का दिमाग जिस हिसाब से डैमेज होता है, उसी हिसाब से बोलने में दिक्कत, समझने में परेशानी आदि होती है, जिसके चलते कमजोरी, शरीर का संतुलन बनाने में समस्या, बातचीत करने के तरीके में बदलाव तक हो जाता है. कई मामलों में तो हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि मरीजों को अपने जरूरी कार्यों (नित्य कर्म) का भी अंदाजा नहीं लग पाता है.
क्या होती है स्ट्रोक आने की वजह?
डॉ. पांडे ने बताया कि स्ट्रोक आने के कॉमन कारणों की बात करें तो इसमें डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन शामिल है. अगर किसी को कम उम्र में स्ट्रोक आता है तो इसकी वजह अंडरलाइंग कोगुलोपैथी, जन्मजात या अन्य कारणों से हुई दिल से संबंधित बीमारियां (उदाहरण के लिए रेहुमेटिक हार्ट डिजीज) और कोलेजन डिसऑर्डर हो सकती हैं.
कितनी तरह का होता है ब्रेन स्ट्रोक?
डॉ. पांडे के मुताबिक, ब्रेन स्ट्रोक दो तरह का होता है. इनमें पहला इस्केमिक स्ट्रोक और दूसरा हेमरैगिक स्ट्रोक होता है. इस्केमिक स्ट्रोक की वजह दिमाग को सप्लाई पहुंचाने वाली सेरेब्रल वीसल्स में ब्लड फ्लो रुकना होती है. इसे थ्रोम्बोटिक स्ट्रोक और एम्बोलिक स्ट्रोक में बांटा जा सकता है.
कैसे होते हैं इस्केमिक स्ट्रोक के लक्षण?
इस्केमिक ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित मरीज आमतौर पर अपना होश खो देता है. कई मामलों में मरीज अचानक गिर जाता है तो कई बार मुंह टेढ़ा हो जाता है. इसके अलावा हाथ-पैरों में कमजोरी या शरीर के आधे हिस्से में पूरी तरह पैरालिसिस हो जाता है.
हेमरैगिक स्ट्रोक आने की क्या है वजह?
जब हाई ब्लड प्रेशर की वजह से ब्लड वीसल्स फट जाती हैं या ब्रेन पैरेन्काइमा में ब्लीडिंग होने लगती है तो हेमरैगिक स्ट्रोक पड़ता है. इस तरह के मामलों में कई अंग पूरी तरह डैमेज हो जाते हैं, जो हाइपरटेंसिव इमरजेंसी की वजह से होता है. ऐसे मामलों में ब्लड प्रेशर 220/110 एमएम एचजी के पार चला जाता है.
कैसे होते हैं हेमरैगिक स्ट्रोक आने के लक्षण?
जब हेमरैगिक स्ट्रोक आने वाला होता है तो मरीज को कमजोरी महसूस होती है या पैरालिसिस के साथ तेज सिरदर्द होने लगता है.
स्ट्रोक आने पर क्या करना चाहिए?
अगर किसी मरीज को ब्रेन स्ट्रोक पड़ा है तो सबसे पहला कदम जल्दी से जल्दी इलाज कराना होता है. इसका मतलब यह है कि लक्षणों को तेजी से पहचानें और इनकी शुरुआत होने के चार से साढ़े चार घंटे के अंदर मरीज को अस्पताल पहुंचाना होता है. इस गोल्डन पीरियड के बाद दिमाग में खत्म हो चुके टिशूज को ठीक करना बेहद मुश्किल होता है, जिससे रिकवरी के चांस काफी हद तक खत्म हो जाते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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