कुछ महिलाओं को बार-बार यूटीआई की समस्या होती है. यूटीआई महिलाओं को अक्सर हो जाती है. वैसे तो यह आम इंफेक्शन है जिसे डाइट और दवा के जरिए ठीक किया जा सकता है. लेकिन जिन महिलाओं की इम्युनिटी काफी ज्यादा कमजोर है और वह साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखती हैं उन्हें यूटीआई होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. आज हम इस पर विस्तार से बात करेंगे कि क्या जिन महिलाओं को यूटीआई की समस्या ज्यादा होती है. उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. 


UTI की समस्या क्यों होती है?


अगर किसी महिला को यूटीआई की समस्या बार-बार हो रही है तो सबसे पहली बात कि वह ठीक से दवा या डाइट फॉलो नहीं कर रही हैं. क्योंकि अगर आप ठीक से इलाज नहीं करवाएंगे तो दोबारा इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. पर्सनल हाईजीन न रखने के कारण भी यूटीआई की दिक्कत होने लगती है. जिसके कारण महिला को बार-बार यूटीआई होने लगता है. मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल कम होने लगता है. ऐसी स्थिति में प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरिया पनपने लगता है और महिला को बार-बार यूटीआई की समस्या हो सकती है. 


बार-बार यूटीई हो रही है तो हल्के में न लें


ब्लैडर कैंसर: बार-बार UTI हो रही है तो उसे बिल्कुल भी हल्के में न लें क्योंकि यह कई सारी कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं. ब्लैडर कैंसर होने पर मरीज को बार-बार UTI हो सकती है. ऐसी स्थिति में यूरिन होल्ड करने में मुश्किल हो सकती है. बार-बार यूरिनेट के लिए जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. बार-बार टॉयलेट लगना और टॉयलेट के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है. 


किडनी कैंसर: किडनी कैंसर होने पर भी किसी महिला को यूटीआई की समस्या हो सकती है. क्योंकि किडनी का काम है यूरिन को फिल्टर करना . जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो इसका ब्लैडर हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. बार-बार यूटीआई होने से टॉयलेट करते वक्त दर्द होने लगता है. 


प्रोस्टेट कैंसर: जिन पुरुषों को बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है उन्हें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. अगर किसी व्यक्ति को टॉयलेट करते वक्त दर्द या परेशानी हो रही है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. 


किसी को बार-बार यूटीआई हो रही है तो ये काम करें


अगर किसी व्यक्ति को बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है. तो उन्हें अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए साथ ही ढेर सारा पानी पीना चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक्स लें और हाइजीन का खास ख्याल रखें. अगर आपको एक साल में 3-4 बार यूटीआई होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.


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