सरसों के तेल का खाना पकाने में काफी इस्तेमाल होता है और इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. कोरोना महामारी के बीच अच्छी सेहत के लिए अच्छी डाइट लेना जरूरी है क्योंकि कोविड -19 एक इनफ्लेमेट्री डिजीज है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसलिए हमें एंटी इनफ्लेमट्री डाइट और खाना पकाने के सही तेल के चयन पर फोकस करना चाहिए.


एमिनेट फिजिशियन –कार्डियोलॉजिस्ट और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूवर्व अध्यक्ष केके अग्रवाल सरसों के तेल को एक अच्छा ऑप्शन बताते हैं, क्योंकि इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA) होता है. इसके साथ ही इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं.


वजन कम करने में सहायक
अग्रवाल ने हाल ही में एक वेबिनार में कहा, " कोविड-19 एक फैटी वायरस है और सरसों का तेल एंटी ओबेसिटी ऑयल है." एशियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन से संकेत मिलता है कि सरसों के तेल के नियमित सेवन से शरीर का वजन कम हो सकता है. ग्लूकोज और लिपिड होमियोस्टेसिस में इंप्रूव हो सकते हैं. डॉ. अग्रवाल का ट्रांस फैट को "किलर फैट" कहते हैं क्योंकि यह हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बनता है.


हार्ट हेल्थ के लिए बेहतर
सीनियर साइंटिस्ट और मस्टर्ड रिसर्च प्रमोशन कंसोर्टियम की डायरेक्टर डॉ. प्रज्ञा गुप्ता ने कहा "सरसों के तेल के इस्तेमाल की सिफारिश लगातार डॉक्टर कर रहे हैं. सरसों के तेल से हृदय रोग, हाइपरटेंशन और दूसरी हेल्थ प्रोब्लम की रिस्क को कम किया जा सकता है."


वहीं, फेमस कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. टी.एस. कलेर के अनुसार "कच्ची घानी सरसों का तेल अपने शुद्ध, प्राकृतिक, एक्स्ट्रा-वर्जिन, कोल्ड-प्रेस्ड रूप में स्वास्थ्य के काफी लाभदायक होता है." डॉ. कलेर के अनुसार सरसों के तेल में दूसरे तेलों की तुलना में कई फायदे हैं और यह हार्ट हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है.


यह भी पढ़ें


Health Tips: सिर्फ फायदे ही नहीं शरीर को ये नुकसान भी पहुंचा सकती है सौंफ


Health Tips: भुलकर भी एक साथ न खाएं ये चीजें, शरीर को पहुंच सकता है नुकसान