हैंड सैनेटाइजर से ज्यादा सुरक्षित है साबुन का इस्तेमाल, बीमार होने की संभावना कम
हर साल 15 अक्टूबर को हाथों की साफ सफाई के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे के रूप में मनाया जाता है. एक रिसर्च के अनुसार हाथों को पानी और साबुन से धोने के बाद तैलिए से पोंछना सबसे बेहतर उपाय माना गया है.
नई दिल्लीः दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के फैलने के साथ ही बताया गया था कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल सबसे उत्तम है. वहीं हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि सैनेटाइजर की जगह साबुन का इस्तेमाल काफी किफायती और सुरक्षित होता है.
बता दें कि हाथ की साफ सफाई के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे के रूप में मनाया जाता है. मौजूदा समय में कोरोना महामारी के कारण लोगों को हाथ साफ रखने के महत्व का काफी अच्छे से पता चला है.
अमेरिका के सीमन्स यूनिवर्सिटी की हाइजीन प्रोफेसर एलिजाबेथ स्कॉट कि रिसर्च के अनुसार हाथों को पानी और साबुन से धोने के बाद तैलिए से पोंछना सबसे बेहतर उपाय माना गया है. उनका कहना है कि ऐसा करने से साबुन हमारे हाथों पर लगे सभी बैक्टीरिया को मारने के साथ ही हाथ की स्किन को रूखा कर देता है, जिससे हाथों पर वायरस जल्दी नहीं चिपकते और संक्रमित होने का खतरा काफी कम हो जाता है.
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि पानी की सुविधा नहीं होने पर ही हाथों पर सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही उनका कहना है कि सैनेटाइजर में अल्कोहल की मात्रा काफी प्रभावी होती है. 60 फिसदी से ज्यादा अल्कोहल की मात्रा वाला सैनेटाइजर हाथों में जलन पैदा कर सकता है. वहीं सैनेटाइजर, साबुन की तुलना में कोरोना वायरस के साथ राइनोवायरस जैसे नॉन एनवलप्ड वायरस पर कोई असर नहीं करता है.
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