Vaping: कई जिंदगियों को बर्बाद कर रहा है 'वेपिंग', अभी नहीं हुए अलर्ट तो स्किन में लग जाएंगी ये बीमारियां
E-Cigarettes Side Effects: कई अध्ययनों में पाया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट फेफड़ों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रही है. कहा यह भी जा रहा है कि वेपिंग करने वालों में कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है.
Vaping Side Effects: इन दिनों स्मोकिंग करने वाले ज्यादातर लोग वेपिंग की तरफ बढ़ रहे हैं. वेपिंग सेहत के लिए स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. लेकिन फिर भी युवाओं के बीच इसका क्रेज बढ़ रहा है. वेपिंग एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) है, जो स्मोकिंग नहीं करने वालों के लिए भी लत बनता जा रहा है. स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव स्मोकिंग से भी ज्यादा बुरे हैं. हालांकि इसके बावजूद इसका इस्तेमाल दुनियाभर में धड़ल्ले से हो रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में लगभग 43 लाख लोग ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये आंकड़ा एक दशक पहले तक लगभग 8,00,000 के करीब था. कई अध्ययनों में पाया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट फेफड़ों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रही है. इतना ही नहीं, कहा यह भी जा रहा है कि वेपिंग करने वालों में कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है. कई स्किन एक्पर्ट ने भी यह चेतावनी दी है कि वेपिंग में मौजूद लिक्विड आपकी स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं कि वेपिंग करने से स्किन पर किस तरह के बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं?
1. वक्त से पहले लाता है बुढ़ापा: एक्सपर्ट ने कहा कि वेपिंग में पाया जाने वाला निकोटीन आपकी स्किन को जल्दी बूढ़ा बना सकता है. लिक्विड वैप में मौजूद निकोटीन कोलेजन को तोड़ सकता है, जो फाइन लाइन, रिंकल्स और ढीली स्किन का कारण बनता है. नशीला पदार्थ ब्लड वैसल्स को भी संकरा बना देते हैं.
2. स्किन को बनाता है रूखा, पैदा करता है सूजन: वक्त से पहले उम्र बढ़ने के साथ-साथ वेपिंग की वजह से स्किन रूखी भी हो जाती है और यह सब ई-सिगरेट में मौजूद केमिकल प्रोपलीन ग्लाइकोल की वजह से होता है. इस केमिकल को सांस के जरिए अंदर लेना आपकी स्किन को ड्राई कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये प्रोपलीन ग्लाइकोल आपके शरीर और त्वचा से पानी को एब्जॉर्ब कर लेता है और तो और इसे जरूरी हाईड्रेशन से वंचित करता है. जिसकी वजह से त्वचा परतदार हो जाती है.
जिन लोगों की स्किन पहले से ड्राई होती है, उनकी प्रॉब्लम्स को वेपिंग और बढ़ा देती है और खुजली तथा पैच का कारण बनती है. वेपिंग में कई केमिकल्स होते हैं जो स्किन की सूजन का भी कारण बनते हैं. जितनी ज्यादा सूजन होगी, त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.
3. हो सकते हैं ज्यादा पिंपल्स: रेगुलर वेपिंग करने से आपको पिंपल्स हो सकते हैं और स्किन खराब हो सकती है. वेपिंग के दौरान विषाक्त पदार्थों को सांस के जरिए अंदर लेने से आपकी स्किन पहले से ज्यादा खराब हो सकती है. इसके अलावा, सूजन की पुरानी समस्या को और ज्यादा बदतर बना देती है. अगर आप पहले से ही किसी पुरानी स्किन प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं जैसे एक्जिमा, तो वेपिंग आपकी परेशानी को बढ़ा सकती है.
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