![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Viagra कर सकता है डिमेंशिया के खतरे को कम, अगर आप भी करते हैं इस्तेमाल तो जान लें यह जरूरी बातें
एनर्जी बढ़ाने के लिए लोग वायग्रा का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हाल ही में आए रिसर्च के मुताबिक वायग्रा से डिमेंशिया का खतरा भी कम होता है.
![Viagra कर सकता है डिमेंशिया के खतरे को कम, अगर आप भी करते हैं इस्तेमाल तो जान लें यह जरूरी बातें Viagra prevent dementia may improve brain functions read full article in hindi Viagra कर सकता है डिमेंशिया के खतरे को कम, अगर आप भी करते हैं इस्तेमाल तो जान लें यह जरूरी बातें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/11/b359139919c31e1bcc6a096da205640a1718116227719593_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
एनर्जी बढ़ाने के लिए लोग वायग्रा का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हाल ही में आए रिसर्च के मुताबिक वायग्रा से डिमेंशिया का खतरा भी कम होता है. हाल ही में आए स्टडी के मुताबिक वायग्रा उन लोगों के ब्रेन में ब्लड का फ्लो बढ़ाती है जिन्हें डिमेंशिया का खतरा काफी ज्यादा होता है.
यह दवा मेमोरी से जुड़ी बीमारी के खतरे को कम करता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों ने जारी एक रिसर्च में बताया कि बीमारी से निपटने के लिए यह एक तरह के मील का पत्थर साबित हो सकती है.
क्या है वायग्रा
दरअसल, वायग्रा खाने से पुरुषों को एनर्जी मिलती है. इससे ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है. वायग्रा की एक गोली का असर आधे से एक घंटे तक रहता है. यह सिर्फ पुरुष ही इस्तेमाल करते हैं. एक बार में इसकी एक गोली ही खाई जाती है. वायग्रा मांसपेशियों के ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है. और ब्लड के फ्लो को तेज करता है.
क्या है वैस्कुलर डिमेंशिया
वैस्कुलर डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें याददाश्त, लॉजिक, प्लानिंग और फैसले लेने में दिक्कत होती है. वैस्कुलर डिमेंशिया से पीड़ित मरीज अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ महत्वपूर्ण चीजों को भूल जाते हैं. डिमेंशिया में दिमाग के अंदर खून की कमी होने लगती है. जिसके कारण दिमाग के सेल्स को भारी नुकसान होने लगता है. यह दिमाग के पैरेन्काइमा को बुरी तरह से प्रभावित करता है. ब्लड सर्कुलेशन खराब होने के कारण दिमाग के कई हिस्सों पर इसका बुरा असर पड़ता है. जिसके कारण वैस्कुलर डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है. आमतौर पर यह 60 से ज्यादा उम्र वाले लोगों में दिखाई देता है. भारत में डिमेंशिया के 50 लाख से भी ज्यादा लोग डिमेंशिया के मरीज हैं. उसमें से करीब 40 प्रतिशत को वैस्कुलर डिमेंशिया की बीमारी है.
वैस्कुलर डिमेंशिया के कारण
स्ट्रोक बड़ा हो या छोटा यह दिमाग के सेल्स एंड टिशूज को बुरी तरह से प्रभावित करता है.
एथेरोस्केलेरोसिस के कारण भी वैस्कुलर डिमेंशिया की स्थिति आ सकती है. क्योंकि इससे दिमाग में ब्लड का फ्लो कम होता है.
जिन लोगों को हाई बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की बीमारी है या काफी ज्यादा स्मोकिंग करते हैं उन्हें वैस्कुलर डिमेंशिया का खतरा काफी ज्यादा रहता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: हार्ट में पानी भरने के कारण भी दिल का दौरा पड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं, जानें दोनों में कैसे करें फर्क?
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![तहसीन मुनव्वर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/3df5f6b9316f4a37494706ae39b559a4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)