Vitamin D: क्या आप जानते हैं सूरज से सीधे नहीं मिलती विटामिन डी, फिर बॉडी में कहां से आती है?
सूरज को विटामिन डी के लिए बड़ा सोर्स माना जाता है. लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि सूरज से सीधे ही विटामिन डी नहीं मिलती है, बल्कि सूरज की रोशनी बॉडी में विटामिन डी जेनरेट करने का काम करती हैैं.
Vitamin D From Sunlight: विटामिन डी सबसे आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है. इसकी हमारे शरीर को न केवल मजबूत हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के लिए जरूरत होती है, बल्कि शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को कंज्यूम करने और उसकी उपस्थिति बनाए रखने में मदद करने में भी उपयोगी है. यह हड्डियों के निर्माण में भी सहयोग करता है. सभी जानते हैं कि सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है. इसलिए इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है. लेकिन यहां यह समझना जरूरी है कि सूरज किस तरह से विटामिन डी देता है. क्या सूरज से विटामिन डी निकलकर हयूमन बॉडी में जाती है या चक्कर कुछ और ही है.
सूरज से इस तरह मिलती है विटामिन डी
इंटिग्रेटिव और लाइफस्टाइल मेडिसिन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले होलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट ल्यूक कॉटिन्हो ने हाल ही में विटामिन डी से संबंधित एक सवाल का जवाब सोशल मीडिया पर दिया. उनसे पूछा गया कि क्या खिड़की के शीशे से आनी वाली सूरज की रोशनी से विटामिन डी प्राप्त करें? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सूर्य की रोशनी से विटामिन डी नहीं मिलती है. बल्कि हयूमन बॉडी ही विटामिन डी का उत्पादन करता है. जब त्वचा सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आती है, जो विटामिन डी संश्लेषण को ट्रिगर करती हैं. इस दौरान विटामिन डी बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसमें लिवर, किडनी की भी भूमिका होती है.
इस समय सूरज की रोशनी न लें
उन्होंने कहा कि सूरज से विटामिन डी जेनरेट करने के लिए व्यक्ति की स्किन सीधे ही सूरज की रोशनी के संपर्क में आनी चाहिए. लेकिन यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि अधिक तेज रोशनी में सीधे ही सूरज की रोशनी में नहीं बैठना चाहिए. तेज धूप त्वचा को बुरी तरह जला सकती है. इससे स्किन संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
सूरज की रोशनी में इतनी देर बैठे
सूरज की धूप लेना इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस देश मेें रह रहे हैं. अलग अलग देश में सूरज की किरणों का प्रभाव उसके डायरेक्शन के हिसाब से अलग अलग होता है. कम से कम 15 मिनट से एक घंटे के लिए ही धूप के एक्सपोजर की जरूरत है. इससे ज्यादा बैठना नुकसान कर सकता है.
इतना फायदेमंद है विटामिन डी
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के अनुसार, विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को नियंत्रित और मैनेज करने का काम करती है. हड्डियों, दांतों और मसल्स को हेल्दी बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है. एनएचएस के अनुसार, विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स जैसी हड्डी की बीमारी हो सकती है. वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति के कारण हड्डी में दर्द हो सकता है. विटामिन डी की कमी से थकान, हड्डियों में दर्द, मूड की समस्या, बालों का झड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी, भूख न लगना और बार-बार बीमार होना समेत कई क्षण देखे जा सकते हैं.
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