नई दिल्ली: कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि विटामिन डी से हार्ट डिजीज़, स्कलेरोसिस और यहां तक कि गठिया जैसे रोगों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. एक नई रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी से डिमेंशिया होने का जोखिम बढ़ सकता है.
क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के अनुसार, विटामिन डी की अधिक कमी वाले लोगों में डिमेंशिया होने की आशंका 122% अधिक थी. भारत में धूप की कोई कमी नहीं होती, फिर भी लगभग 65 से 70% भारतीय लोगों में इस सबसे जरूरी विटामिन की कमी है.
विटामिन डी का काम-
विटामिन डी शरीर की लगभग हर कोशिका को प्रभावित करता है. यह धूप में रहने पर त्वचा में उत्पन्न होता है. ये कैल्शियम को एब्जॉर्व करता है और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. विटामिन डी का लेवल कम होने पर हड्डियों को नुकसान पहुंचता है. हालांकि, ये विटामिन हार्ट, ब्रेन और इम्यून सिस्टम के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है.
क्या कहते है एक्सपर्ट-
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि विटामिन डी की कमी मैटाबोलिक सिंड्रोम, हार्ट डिजीज़ और फर्टिलिटी कपैसिटी से जुड़ी हुई है. शोध से पता चला है कि इसकी कमी से डिमेंशिया भी हो सकता है.
40 दिन 40 मिनट धूप में बैठने से होगा फायदा-
डॉ. अग्रवाल का कहना हैं कि साल में कम से कम 40 दिन 40 मिनट रोजाना सूर्य की रोशनी में रहना चाहिए. इसका सही लाभ तब मिलता है जब शरीर का कम से कम 40% हिस्सा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आए, भले ही प्रात:काल या शाम के समय.
दो तरह के विटामिन-
विटामिन डी 2 एर्गोकैल्सीफेरॉल हमें फूड्स से मिलता है, जबकि विटामिन डी 3 कोलेकैल्सीफेरॉल धूप से. दोनों विटामिन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
विटामिन डी के अच्छे स्रोत: -
कॉड लिवर ऑयल: यह तेल कॉड मछली के लिवर से प्राप्त होता है और सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है. इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में प्रयोग किया जा सकता है.
मशरूम: यदि आपको मशरूम पसंद हैं, तो आपको विटामिन डी भरपूर मिल सकता है. सूखे शिटेक मशरूम विटामिन डी 3 के साथ-साथ विटामिन बी के भी शानदार स्रोत हैं. इनमें कम कैलोरी होती है और इन्हें जब चाहे खाया जा सकता है.
सामन मछली: इसमें डी 3, ओमेगा 3 और प्रोटीन अधिक होता है.
सूरजमुखी के बीज : इनमें न केवल विटामिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा और प्रोटीन भी भरपूर होता है.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.