कोरोनो वायरस दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. वहीं, वैज्ञानिक और मेडिकल रिसर्चर्स इसके इंफेक्शन को समझने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. अब तक यह बात सामने आ चुकी है कि वीक इम्यून सिस्टम और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के संक्रमित हो जाने पर यह घातक साबित हो सकता है. बुर्जुगों, कैंसर, किडनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, हृदय के रोगी, डायबीटिज से पीड़ित लोगों के संक्रमित होने पर रिस्क बढ़ जाती है.


विटामिन डी के लो-लेवल और कोविड ​​-19 के बीच लिंक


अब, बार-इलान यूनिवर्सिटी के ल्यूमिट हेल्थ सर्विसेज (एलएचएस) और एजरीली फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के इजरायली रिसर्चर्स के अनुसार, ब्लड प्लाज्मा में विटामिन डी के लो-लेवल और कोविड ​​-19 संक्रमण की संभावना के बीच लिंक है.


एफईबीएस जर्नल में पब्लिश रिसर्च के अनुसार, रिसर्चर्स ने 7,807 लोगों के विटामिन डी के स्तर का विश्लेषण किया, जिसमें से 782 (10.1%) कोविड ​​-19 पैशेंट थे और बाकी स्वस्थ थे. रिसर्चर्स ने डेटा को स्टडी किया और पाया कि जो लोगों कोविड ​​-19 के पैशेंट थे उनके प्लाज्मा में विटामिन डी का स्तर उन लोगों में काफी कम था जिनका कोविड-19 निगेटिव था.


ल्यूमिट डिपार्टमेंट के हैड यूजीन मर्जोन के अनुसार “हमारे अध्ययन की मुख्य खोज प्लाज्मा विटामिन डी लो-लेवल और कोविड-19 के इंफेक्शन बीच लिंक की की संभावना थी. उम्र, लिंग, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और ओल्ड डीजिज को समायोजित करने के बाद भी यह लिंक देखने को मिला. ” "इसके अलावा, कम विटामिन डी स्तर कोविड -19 पैशेंट के अस्पताल में भर्ती होने के मामले में यह लिंक कम महत्वपूर्ण था"


विटामिन डी के स्रोत


थकान, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द या ऐंठन आदि  होना विटामिन डी की कमी के संकेत होते हैं. इस कमी को पूरा करने के लिए धूप सेंकना , मछली, दूध और दूध के विकल्प, अंडे की जर्दी, मशरूम आदि का इस्तेमाल करना चाहिए. इन सभी में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है.